भारत को व्यापार सुविधाजनक है। जो कुछ मुसाफिरी ट्रैफिक है वह केवल वर्मा से है। छोटे छोटे जहाज कलकत्ता से बर्मा तक जाते हैं। नदी की यात्रा असुविधा के कारण , बड़े मुसाफिर जहाज कलकत्तं में नहीं आते। इनके अतिरिक्त कुछ वर्ष हुये भारत सरकार ने विज़गापट्टम का बन्दरगाह बनवाया है। यह बन्दरगाह मैंगनीज़ को बाहर भेजने के उदेश्य से बनवाया है। मैंगनीज़ उत्पन्न करने वाला प्रदेश इस बन्दरगाह से लगा हुआ है । मदरास, कोचीन, तूतीकोरन. तपा चिटागांव भी महत्वपूर्ण बन्दरगाह हैं किन्तु इन सबका व्यापार ६० करोड़ रूपये से अधिक नहीं है। अन्य बन्दरगाह केवल तटीय व्यापार के लिए हो उपयोगी हैं। उनका वैदेशिक व्यापार के लिये अधिक महत्व नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में विज़गापट्टम भारत का महत्वपूर्ण बंदरगाह बन गया है। यह कारोमंडल तट पर स्थित है और कल- विजगापट्टम कत्ता तथा मदरास के बीच में है कलकत्ते से यह ५०० वंदरगाह मील दक्षिण में है और मदरास से यह ३२५ मील उत्तर में है। यहां से मैंगनीज़, मूंगफली, मैरीबोलन्स (हर बहेड़ा), खालें अधिकतर विदेशों को भेजी जाती हैं और बाहर से आने वाले पदार्थों में शक्कर, कपास, सूती वस्त्र, लोहा, लकडी, और मशीनें मुख्य हैं। विज़गापट्टम बंदरगाह पर सभी समुद्री जहाज़ तथा तटीय व्यापार में लगे हुए स्टीमर सकते हैं। विज़गापट्टम उड़ीसा तथा मध्यप्रान्त के पूर्वीय भाग के व्यापार के लिए कलकत्ते से प्रतिस्पर्दा करता है। कलकत्ता की अपेक्षा विज़गापट्टम इन प्रदेशों के अधिक पास है और बंदरगाह की फ़ीस इत्यादि भी कम है। विज़गापटम बंदरगाह के बन जाने से कलकत्ते के महत्व में कुछ कमी हो गई है। बी. यन० आर० की एक लाइन बन्दरगाह को मध्य प्रान्त के रायपुर से जोड़ती है इस कारण बन्दरगाह मध्यप्रान्त की मंडियों के समीप पड़ता है। पिछले दिनों में काठियावाड़ के बंदरगाह महत्वपूर्ण हो गए हैं। काठियावाड़ की भौगोलिक परिस्थिति ऐसी है कि वह काठियावाड़ के राजपूताना और समीपवर्ती प्रदेश के व्यापार को वंदरगाह अच्छी तरह से कर सकते हैं। काठियावाड़ के बंदर- गाहों को एक लाभ यह है कि बंदरगाह का खर्चा फोस इत्यादि बहुत कम है । मजदूरी भी यहाँ बहुत सस्ती है और देशी राज्यों में स्थित होने के कारण यहाँ आय कर ( Income Tax) तपां अन्य कर नहीं लगाये जाते । काठियावाड़ और राजपूताना में व्यापार बिना 1
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भारत का व्यापार