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भारत का व्यापार

भारत का व्यापार विटीय व्यापार है। कुछ वर्षों से काठियावाड़ के बंदरगाहों ने बम्बई से भीषण प्रतिद्वन्दता करना प्रारम्भ कर दी है। इनमें बेदी बंदर, श्रोखा, पोरबंदर तथा भावनगर मुख्य हैं। बम्बई का यथेष्ट व्यापार इन बंदरगाहों की ओर चला गया 'है। किन्तु ममाफिरों को लाने वाले जो जहाज हैं वे बम्बई ही आते हैं क्योंकि मुसाफिरों को लाने वाले जहाज बड़े होते हैं जो कि केवल बम्बई में ही स्थान पा सकते हैं। करांची मुख्यतः पंजाब और सिंघ का बंदरगाह है। यह सिंध के डेल्टा से कुछ हटकर है। इस कारण नदी का रेत इराको नहीं करांची पाटता । बम्बई और कलकत्ता के बाद करांची ही देश का सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाह है। सिंघ और समीपवर्ती प्रदेश आर्थिक दृष्टि से उन्नत नहीं हैं और न धना आबाद ही है। केवल एक Peshower

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Kora .To dagra TOANET. Barbos Hinterland रेलवे लाइन कराँची को अपने व्यापार क्षेत्र (Hinterland) से जोड़ती हैं। इसके विपरीत। बम्बई और कलकत्ते श्राफर बहुत सी रेलें मिलती हैं। इसका • एक. यह भी कारण है कि करांची श्रौद्योगिक केन्द्र नहीं है। कराची का आयात निर्यात २५ लाख टन के लगभग है। इसका एक तिहाई तटीय व्यापार है।