भारत का व्यापार ब्रिटेन जरमनी, जापान, तपा संयुक्तराज्य अमेरिका से आते हैं . १९३८ रसायनिक पदार्थ में भारत ने ६ करोड़ रुपये फेरसायनिक पदार्थ विदेशों (Chemicals) से मंगवाये । भारत में पेट्रोलियम तथा मिट्टी का तेल यर्मा, ईरान, चीन, बोरनिया, पैट्रोलियम तथा सुमात्रा, तथा संयुकराज्य अमेरिका से आता है। मिट्टी का तेल farfa (Export), भारत युद्ध के पूर्व कयास मुख्यतः ब्रिटेन, जापान, जरमनी, फ्रांस, इटली चेलजियम, निदरलैंड और चीन को भेजता था। युद्ध कपास के पूर्व सबसे अधिक कपास जापान लेता था ( ५५%)। किनु युद काल में नारान से आने वाले सूती कपड़े के बन्द हो जाने के कारण एशिया और अफ्रीका में काड़े का अकाल पड़ गया एवं भारत प्रति वर्ष बहुत बड़ी राशि में कपड़ा ईराक, ईरान, स्टेट सैटिलमैंट, मिश्र, दक्षिण अफ्रीका, अरेविया इत्यादि देशों को भेजने लगा। भविष्य में भारत अपने इन याजारों को कहाँ तक रब सकेगा यह कहना कटिन । . चा ति ल. . में मुख्य भारतवर्ष १७ करोड़ रुपये से अधिक का कचा जुट विदेशों को भेजता है। ब्रिटेन, जरमनी, संयुक्तराज्य अमेरिका, फ्रांस, इटली, जूट (कथा) पैलजियम और:स्पेन जूट मैंगाने वालों. हैं। युद्ध के.पूर्व ब्रिटेन:२५ प्रतिशत और जरमनी १६ प्रतिशत जूट खरीदता था। re प्रा. भू०-६६
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भारत का व्यापार