गमनागमन के साधन 79 ". 35 इन जलमार्गों के अतिरिक्त बहुत सा माल समुद्र द्वारा एक बंदरगाह से दूसरे बंदरगाह को जाता है। रेलवे कंपनिया बहुत अधिक किराया लेती हैं इस कारण बहुत सा माल करांची से पश्चिमीय बंदरगाहों को जाता है । भारतवर्ष में १९३६ के योरोपीय महायुद्ध के प्रारम्भ होने के समय लगभग ४२००० मील रेलवे लाइन थी। किन्तु रेलवे लाइन युद्ध के समय कुछ रेलवे लाइनें उखाड़ दी गई हैं। Railway भारत जैसे विशाल देश में अन्य देशों की तुलना में यह रेलवे माइलेज कम है। मिन भिन्न देशों में रेलवे माइलेज इस प्रकार है। ब्रिटिश द्वीप समूई--२३७०० मोल कनाडा-४२२०० श्रास्ट्रलिया-२७४०० न्यूजी लह-३७०० भारतवर्ष-४२००० वि० अफ्रीका-१३६०० संयुक्तराज्य अमेरिका-२५०००० ., मैक्सिको-१३५०० 'परजैनटाइन-२३५०० ब्राजील-१९६०० फ्रांस-२६५०० जर्मनी-३६००० इटली-१६.०० पोलैंड-१२१०० स्वीडन-१०६०० शेष योरोप ७२१०० शेष ब्रिटिश साम्राज्य-५००० शेष दक्षिण अमेरिका-१५३०." सोवियट रुस-४२५०० शेष एशिया-३८५०० शेष अफ्रीका-१७४०० शेष पृथ्वी-५६.. भारतवर्ष में गमनागमन तथा माल ले जाने का रेलवे लाइन सबसे महत्पूर्ण साधन हैं। यह तो पहले ही कहा जा चुका है कि देश में कुल ४२००० » " 38 " " "
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गमनागमन के साधन