उद्योग-धंधे ५२३ कोयले को खाने समीप ही हैं। श्रतएव विजगापट्टम बंदरगाह को वे सभी सुविधायें उपलब्ध हैं जो कि जहाज बनाने के लिए आवश्यक हैं। लड़ाई के दिनों में बंगलौर में हवाई जहाज़ बनाने तथा उनकी मरम्मत करने का कारखाना स्थापित किया गया है। बंगलौर में हवाई जहाज़ बनाने के लिए सभी सुविधायें हैं। भद्रावती का लोहे का कारखाना समीप ही है, दक्षिण मैसूर में हाइड्रोइलेक्ट्रिक की उन्नति होने के कारण जलविद्युत् का खूब विस्तार हुआ है, बंगलौर का जलवायु भी उपयुक्त है, समुद्र से हटकर बंगलौर अन्दर की ओर है तथा वहाँ वैज्ञानिक इंस्टिट्यूट हवाई जहाज़ का धंधा भी है। . i युद्ध के समय. भारत में दो प्रसिद्ध व्यवसायियों ( श्री बालचंद हीराचंद- और श्री बिरला ) ने दो बड़ी कंपनियां मोटर कार .मोटरकार का तैयार करने के लिए स्थापित की हैं । बिरला द्वारा. धंधा स्थापित हिन्दुस्तान मोटर कंपनी ने मोटरकर बनाना श्रारम्भ कर दिया है। भविष्य में यह धंधा. उन्नति करेगा इसमें संदेह नहीं। युद्ध के समय भारत की प्रोद्योगिक दीनता का देशभर को अनुभव हुआ. और बम्बई के प्रसिद्ध व्यवसायियों ने एक बार्षिक योजना तैयार की। यही नहीं भारत सरकार ने भी देश में उद्योग धंधों की उन्नति के लिए योजनायें तैयार की हैं। देश में राष्ट्रीय सरकार के स्थापित हो जाने से अब यह आशा होती है कि शीन ही देश के उद्योग धंधे उन्नति करेंगे। अभ्यास के प्रश्न १-भारत के वस्त्र व्यवसाय और जापान के पत्र व्यवसाय को तुलना कीजिये २-मारत की श्रौद्योगिक उन्नति के लिए क्या देश में आवश्यक साधन उपलब्ध हैं ? विस्तारपूर्वक लिखिए । ३-तातानगर के स्टील के धंधे को क्या सुविधायें प्राप्त हैं। भारत में लोहे और स्टील के धंधे के सम्बंध में जो जानते हों उसका वर्णन कीजिए।' ४-नीचे लिखे धंधों के लिए देश में कौनसी भौगोलिक सुविधायें हैं. १ कागज, दियासलाई, सीमेंट, और शीशा.. -मारत में गृह उद्योग-धंधों की पिछड़ी हुई दशा का क्या कारण है उनकी उन्नति के लिए क्या प्रयत्न किये जा सकते हैं। 2
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उधोग-धंधे