शक्ति के श्रोत . . ४. तिल्लमा-बाराकर नदी पर ५. अय्यर-दामोदर नदी पर १. बोकारो-बोकारो नदी पर मध्य कानार इन बांधों में आज तक आई हुई बाढ़ से दुगनी बाढ़ नियंत्रण करने की क्षमता रहेगी। इस प्रकार अब तक बौदों से जो जन-धन की हानि होती रही है वह सर्वपा रोकी.जा सकेगी। यह सात बाघ केवल बाढ़ नियंत्रण में ही सहायक नहीं होंगे वरन् समान दामोदर घाटी को विद्युत्मय बना देंगे। सात बांधों के अतिरिक एक और बांध केवल बिजली उत्पन्न करने के लिए बनाया जायेगा। इन पाठ बांधों के निर्माण के फल स्वरूप दामोदर घाटी में लगभग ३००,००० किलोवाट विद्य न-शक्ति उत्पन्न होगी । यह विद्युत्-शक्ति सोनाघाटी, दक्षिणी बिहार, पटना, डालामेयानगर, जमशेदपूर तथा कलकत्ता तक पहुँचाई जा सकेगी। इससे केवल बिज़ली ही उत्पन्न होगी यही बात नहीं है बिहार और बंगाल में ७६०,००० एकड़ भूमि पर सिंचाई हो सकेगी जिससे वहाँ की ग्रामीण जनता को ६ या ७ करोड़ रुपए का वार्षिक लाम होगा और खेती की पैदावार बहुत बढ़ जावेगी। दामोदर घाटी योजना के तैयार हो जाने पर इसमें नौका संचालन भी हो सकेगा। प्रस्तावित बाध और जल कुड बन जाने पर नदी का तेज बरसाती बहाव रोककर जल कुंडों में जल एकत्रित किया जावेगा और शीतकाल में यह जन्न नदी में छोड़ दिया जावेगा। जिससे नदी में नौका सचालन के लिए काफी जल हो जावेगा। इस प्रकार दामोदर नदी वर्ष भर नौका संचालन के योग्य हो जावेगी और इस क्षेत्र के उद्योग धन्धों . और खेती को बतायात के सस्ते साधन उपलब्ध हो जावेगे और मुहाने से.. श्रासंसोल तक दामोदर नदी नौका संचालन के योग्य बन जायगी इसके द्वारा कोयला मी सस्ते दामों में इधर से उधर कलकत्ता तक मेजा जावेगा । पूर्षीय पंजाब की सरकार ने माकरा बांध की योजना की स्वीकृति दे: दी है यह शीघ्न ही कार्य रूप में परिणत की जायेगी। भाकरा वाँध सतलज नदी पर एक बड़ा बाँध बनाकर जल को (Bhakra Dum) बिजली उत्पन्न करने और सिंचाई के काम में लाया जावेगा। इस योजना के पूरा करने में ४२ करोड़
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