आर्थिक भूगोले 1:" मैं २५ मील पर कावेरी के जल से विद्युत् उत्पन्न की गई है। इन योजनायों के पूरी हो जाने से मैसूर राज्य में :यथेष्ट.शक्ति उत्पन्न हो जायेगी और मैसूर में तेज़ी से औद्योगिक उन्नति हो सकेगी। इस समय भी बिजली के कारण ही मैसूर में बहुत से घंधे खड़े हैं। शिम्सा शक्ति गृह. से :१६,००० किलोवाट और जोग जल-प्रपात से.१८००० किलोवाट बिजली उत्पन्न हो रही है आगे चलकर १ लाख २० हजार तक उत्पन्न हो सकेगी। . काश्मीर में झेलम नदी के जल से बड़ामुल्ला नामक स्थान पर विद्युत् उत्पन्न की जाती है। बड़ामुल्ला में . राजधानी भी । काश्मीर में जल नगर ५५ मील है. जहाँ बिजली का उपयोग होता विद्युत् :- है । यह शक्तिगृह घोड़ों की शक्ति उत्पन्न कर सकता है। - उत्तर भारत में मंडी का जल -विद्युत का कारखाना अधिक महत्त्वपूर्ण है। शिमला की पहाड़ियों के समीप जोगेंद्रनगर के समीप विद्युत् उत्पन्न की जाती है। मंडी योजना बहुत बड़ों योजना है । इसके तीन भाग हैं। अभी केवल पहला ही पूरा हुआ है। इसके द्वारा उत्पन्न होने वाली बिजली पंजाब के लगभगः२० कस्बों को दी जा रही हैं। फीरोजपूर, लायलपूर शिमला, गुरदासपूर, पटियाला, गुजरानवाला, और अम्बाला को, यही बिजली मिलती है। जब कभी यह योजना पूरी होगी तो इससे उत्पन्न की जाने वाली बिजली देहली, मेरठ, सहारनपुर तथा करनाल जिलों.. को. भी दी जायेगी। अभी तो योजना का. एक भाग ही पूरा हुआ है। मंडी योजना से 'जितनी प्रांशा थी वह उतनी सफल नहीं हुई । यही कारण है कि शेष दो भाग अभी पूरे नहीं किये गये । सीमा प्रान्त में मालकंद योजना तैयार हो गईं उससे २०,००० किलोवाट शक्ति उत्पन्न की जा सकती है। सिंचाई की नहरों से सम्बंधित जल-विद्युत् के कारखानों में गंगा की नहर बिजली उत्पन्न करने की योजना सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण हैं । गंगा की नहर के बहुत से जल-प्रपातों ( आसफनगर, चितौरा सुमेरां) से बिजली उत्पन्न की जाती है । श्रासफनगरं के समीप ही बहादुराबाद मुख्य शक्ति-गृह है जहां से बिजली उत्पन्न करके भिन्न स्थानों को भेजी जाती है। बहादुराबाद के अतिरिक्त गाजियाबाद के समीप भोला." तपा. बुलंदशहर के दक्षिण में "पालरापावर स्टेशन है जिनमें बिजली उत्पन्न की जाती हैं। इन
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