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आर्थिक भूगोल

२८ आर्थिक-भूगोल विशेष अस्वपाओं में ही होती है। अतएव अधिकतर पर्वतीय प्रदेश धने याबाद नहीं होते। केवल पृथ्वी के धरातल की बनावट का ही अध्ययन करने से काम नहीं चल सकता। हमें उन चट्टानों के विषय में भी अध्ययन . चट्टानें करना होगा जिनसे धरातल बना है। चट्टानों के टूटने से ही मिट्टी बनती है और चट्टानों की बनावट पर हो घातुओं का होना भी निर्भर है। चट्टानें तीन प्रकार की होती हैं:-(१) श्राग्नेय (Igneous) तलछट वाली चट्टान (Sedimentary) और परवर्तित चट्टान (Metamorphic) अग्निमय चट्टान ( Igneous Rocks ) पिघले हए पदार्थ के जम जाने से बनती हैं। पहले पृथ्वी जलता हा अग्नि का गोला था और सब पदार्थ पिघली हुई दशा में थे। जब पृथ्वी के ठंडी होने के कारण वह पिघला हुश्रा पदार्थ जम गया उस समय ये चट्टानें बनीं। इसी कारण इन चट्टानों को मुख्य चट्टानें (Primary Rocks) भी कहते हैं। जब ये चट्टानें (मुख्य चट्टाने) हवा. पानी, बर्फ तथा धूप के कारण टूटी और वह चूरा, हवा, अथवा पानी द्वारा दूसरे स्थानों पर जमा दिया गया तब उससे जो चट्टानें बनी उन्हें तलछट वाली चट्टान (Sedimentary Rocks) या गौण चट्टान ( Secondary Rocks) कहते हैं। तीसरे प्रकार की चट्टाने अर्थात परिवर्तित (Metamor- phic) पहली दोनों चट्टानों का बिगड़ा हुआ और परवर्तित रूप हैं। जब अत्यधिक दबाव ( Pressure ) तथा गर्मी के कारण इन दोनों प्रकार की चट्टानों का पूर्व रूप बिलकुल ही बदल जाता है तब वे पहिचानी ही नहीं जा सकती। इसी कारण उन्हें परिवर्तित चट्टाने ( Metamorphic) कहते हैं । मुत्य (Primary) अथवा अग्निमय (Igneous) चट्टानों में बहुमूल्य धातुयें अधिकता से पाई जाती हैं । गौण (Secondary) अथवा तलछट वाली ( Sedimentary ) चट्टानें ही पृथ्वी के अधिकांश भाग पर पाई जाती हैं, जिन प्रदेशों में ये चट्टानें पाई जाती हैं वे घने श्राबाद तथा समृद्धिशाली हैं। परिवर्तित ( Metamorphic) चहानों में भी बहुत सी धातुयें मिलती हैं। मुख्य चट्टानों में प्रैनाहट ( Grauite ) बहुत अधिक मिलता है। अनाइट पत्थर सभी पुराने पहाड़ी प्रेदेशों में पाया जाता आग्नेय अथवा है। यह भारी और मजबूत होता है इस कारण इमारत मुख्य चट्टाने के काम में अधिकतर आता है। यह बहुत चिकना Primnry Rocks और सुंदर होता है और वर्षा और धूप में सैकड़ों व