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पत्तियाँ बराबर कटती रहती हैं इस कारण फसल को हानि नहीं पहुँचती। अन्दर के पहाड़ी ढालों पर जहाँ और कुछ पैदा नहीं हो सकता शहतूत का पेड़ जम आता है और कीड़े पालने का धंधा होता है।
जापान के उत्तरीय भाग तथा पहाड़ी मैदानों को छोड़कर बाकी सब मैदानों में चावल उत्पन होता है। चावल की खेती के लिए यहाँ सिंचाई की
आवश्यकता होती है। ऊँचे मैदानों में चावल बहत कम होता है। लगभग एक तिहाई चावल की भूमि पर वर्ष में दो फसलें चावल की उत्पन्न की जाती हैं। शेष भूमि पर केवल एक फसल उत्पन्न की जाती है। जापान में पशु-पालन अधिक नहीं होता। इसका कारण यह है कि बांस की घास जो समस्त देश में पाई जाती है दूसरी घास को उगने नहीं देती और पशु इस घास को खाते नहीं हैं। फिर भी पहाड़ी मैदानों पर पशु चगने का धंधा होता है।
आ० भू०––३६