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मुख्य व्यापारिक देश

मुख्य व्यापारिक देश इस कारण धरातल पपरीला है। यहाँ वर्षा खूब होती है। इस कारण यह देश वनों से आच्छादित है पाइन (Pine ) यहाँ बहुतायत से होता है। दक्षिण द्वीप में कैन्टरवरी के मैदान बहुत उपजाऊ हैं जहाँ गेहूँ की खेती वहुत होती है । न्यूजीलैंड के निवासियों का मुख्य धन्धा खेती करना, गाय और भेड़ चराना है। पिछले कुछ वर्षों से फलों की खेती भी तेजी से बढ़ गई है। उत्तर में अंगूरों की पैदावार होती है। न्यूज़ीलैंड भेड़ का मांस, ऊन तथा मक्खन और गेहूँ अधिक उत्पन्न करता है । येही वस्तुयें विदेशों को भेजी जाती हैं। इस देश का व्यापार अधिकतर ब्रिटेन से होता है । अफ्रीका का महाद्वीप यद्यपि पुरानी दुनिया का एक भाग है परन्तु वह पिछड़ी हुई दशा में है। इस महाद्वीप का अधिकतर अफ्रीका भाग योरोपीय शक्तियों के आधीन है । यहाँ के मूल निवासी पश्चिमी देशों के पूजी-पतियों द्वारा खोले हुए कारखानों तथा सोने की खानों में कुली बन कर कार्य करते हैं। वैसे अधिकांश भाग में मूल निवासियों का मुख्य पेशा खेती करना अथवा पशु पालन है। इस महाद्वीप में जो कुछ भी औद्योगिक उन्नति दृष्टिगोचर होती है वह योरोपियन पूजी-पतियों के द्वारा ही हुई है । परन्तु श्रमजीवी समुदाय में या तो मूल निवासी हैं अथवा भारतीय । इस महाद्वीप का क्षेत्रफल ११, ५०, ००० वर्ग मील है। यह महाद्वीप एक विशाल पठार के रूप में फैला हुआ है । उत्तरी भाग कुछ नीचा है किन्तु दक्षिणी भ.ग बहुत ऊँचा है । अफ्रीका के पठार में बहुत बड़ी घाटियाँ हैं । इन घाटियों में बहुत बड़ा झोलें बन गई हैं । जार्डन, मृत-सागर तथा लाल सागर इन्हीं घाटियों में हैं। दक्षिण में यद्यपि घाटियों में झीलें बहुत हैं परन्तु हैं बहुत छोटो। अफ्रीका का महाद्वीप अधिकतर ऊष्ण कटिबन्ध में है इस कारण जलवायु सारे महाद्वीप में एकसा हो है। यदि पर्वतीय प्रदेश को छोड़ दें तो शेप सारा प्रदेश गरमियों में बहुत गरम और जाड़ों में कम ठंडा है । पर्वतीय प्रदेश में जाड़ों में ठंड बहुत पड़ती है। इस महाद्वीप में वर्षा एकसी नहीं होती । उत्तरी भाग में गरमियों के दिनों में जब सहारा को मरुभूमि बहुत गरम होती है और हवा बहुत हल्की हो जाती है तब भूमध्य रेखा पर लगातार वर्षा होने की सीमा उत्तर में आ जाती है । जूलाई में इस वर्षा की सीमा टिम्बकटू की अक्षांश रेखा तक अ० भ०-४६