आर्थिक भूगोल अटलांटिक समुद्रतट पर मैक्सिको की खाड़ी के समीप तथा उत्तर में ४०° अक्षांश रेखा ( Latitude ) तक तथा पश्चिम में ६५° पश्विम देशांश . ( Longitude ) तक, ४० इंच से ६० इंच तक पानी बरसता है । ६५° पश्चिम देशांश से १००° पश्चिम देशांश तक, २० इंच से ३० इंच तक वर्षा होती है। मैक्सिको के पठार पर भी इतनी ही वर्षा होती है। प्रशान्त महा. सागर तट पर ही वर्षा होती है अन्दर की तरफ वर्षा नहीं होती। अटलांटिक तथा प्रशान्त महासागर के पर्वतीय ढालों पर वन एक से नहीं हैं। परन्तु दोनों किनारों के वन प्रदेश एक उत्तरी वन- वनस्पति प्रदेश की पट्टी से जुड़े हुए हैं जो कि जंगलों से ढकी है । उत्तरी अमेरिका में बहुत तरह के वृक्ष पाये जाते हैं। काला तथा सफेद स्पस, देवदारू लार्च ( Lirch ) और बीच ( Beech ), मुख्य हैं। परन्तु यहाँ की लकड़ी कागज़ बनाने के अतिरिक्त किसी भी धंधों में काम नहीं आ सकती क्योंकि ठंड अधिक पड़ने के कारण उत्तर प्रदेश में वृक्ष अधिक नहीं बढ़ते । उत्तरी प्रदेश में पाइन ( Pine ) का वन अधिक फैला हुआ है। यहाँ पाइन, स्पस, हैमलाक ( Hen lock ) तथा चीड़ के वृक्ष बहुतायत से पाये जाते हैं । मिसिसिसी के वन प्रदेश में बलूत ( Oar ) बहुत पाया जाता है। प्रशान्त महासागर के समीपवर्ती प्रदेश में चीड़, हैमलाक तथा स्प्रूस, मध्य में सनोवर ( Fir ) अन्दर की ओर पाइन, चीड़, तथा लाल सनोवर ( Red fir ) भी मिलता है। दक्षिण में राकी पहाड़ पर मैहागनी ( Mahogany ) पीला पाइन, स्पूस, तथा साल (Sal ) के वृक्ष पाये जाते हैं। उत्तरी अमेरिका के वनों से रहित भाग को हम तीन भागों में बाँट सकते हैं । प्रथम उत्तरी टुंड्रा का प्रदेश, दूसरा घास का मैदान और तीसरे सूखा प्रदेश । टुंड्रा उत्तर का वह प्रदेश है जहाँ बर्फ जमी रहती है और पैदावार नहीं हो सकती । जब बर्फ पिघल जाती है तब कुछ घास और झादियों दिखलाई देती हैं । घास के मैदान बहुत दूर तक फैले हुए हैं। यह विस्तृत मैदान बहुत उपजाऊ है और इन्हीं पर खेती बारी होती है । सूखा भाग पश्चिम में है जहां पैदावार बहुत कम होती है । यद्यपि कनाडा क्षेत्रफल में योरोप के बराबर है, किन्तु अभी तक उसकी अधिक उन्नति नहीं हो सकी है। इसका मुख्य कारण कनाडा यह है कि जनवायु को प्रतिकूलता के कारण देश का बहुत बड़ा भाग उजाड है और उसकी उन्नति नहीं हो सकती।
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