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आर्थिक भूगोल

1 आर्थिक भूगोल देश की भूमि का पाँचवा भाग पहाड़ों से घिरा है। एक चौथाई में पठार हैं तथा बाकी में उपजाऊ मैदान हैं। फ्रांस की पैदावार भूमि उपजाऊ तथा जलवायु खेती के अनुकूल होने से फ्रांस कृषि प्रधान देश है। फ्रांस की लगभग श्राधी जनसंख्या गाँवों में रहती है । फ्रांस में गेहूँ बहुत उत्पन्न होता है । रूस को छोड़कर फ्रांस योरोर में सबसे अधिक गेहूँ उत्पन करता है। गेहूँ के अतिरिक्त रई ( Rye ) तथा जो भी उत्पन्न होता है । अनाज के अतिरिक्त आलू भी यहाँ खूब उत्पन्न होता है। परन्तु फ्रांस की मुख्य पैदावार अंगूर है। मध्य तथा दक्षिण फ्रांस की नदियों की घाटियों में अंगूर बहुत अधिक उत्पन्न होता है। सीन ( Seine ), राइन ( Rhine ) तथा गैरोन ( Garonne ) नदियों की घाटियों में तथा भूमध्य सागर के प्रदेश में अंगूर बहुत अधिक उत्पन्न होता है। प्रत्येक क्षेत्र में कोई विशेष बैंह की शराब तैयार की जाती है । शैमपेन की शराब पैरिस के पूर्व जिले में बनाई जाती है। फ्रांस में खेती के साथ साथ पशु पालन भी होता है। फ्रांस में खनिज पदार्थों की कमी है। जो कुछ भी कोयला निकाला जाता है वह उत्तर के प्रान्त में जो कि जर्मनी और खनिज पदार्थ · बैलजियम से जुड़ा हुआ है । इसी प्रदेश में फ्रांस का लगभग दो तिहाई कोयला खोदा जाता है । यद्यपि कोयला साधारणतः अच्छा होता है किन्तु अधिक गहराई पर मिलने के कारण उसको खोदने में व्यय अधिक होता है । इसके अतिरिक्त पूर्वी पहाड़ों के समीपवर्ती प्रदेश में रोन नदी के बेसिन में भी कोयले की खानें हैं। कोयले की कमी को प्रकृति ने जल-शक्ति के द्वारा पूरा कर दिया है । भाग्यवश फ्रांस के उन प्रदेशों में जलशक्ति बहुत है जहाँ कि कोयले का अभाव है । फ्रैंच-पाल्पस, पैरीनीज़ तथा मध्य के ऊँचे प्रदेश में जल- शक्ति बहुत है। पिछले योरोपीय युद्ध के समय फ्रांस में जल शक्ति का अत्यधिक उपयोग किया गया, क्योंकि उस समय फ्रांस की कोयले की खाने जर्मनी के अधिकार में पहुँच गई थीं । वर्तमान युद्ध.१९४० के फल स्वरूप भी फ्रांस की सब कोयले की खाने जर्मनी के अधिकार में पहुँच गई। फ्रांस में उद्योग-धन्धे कृषि को अपेक्षा कम महत्वपूर्ण है। किन्तु फ्रांस में बनाया हुआ माल संसार में अपनी सुन्दरता तथा उद्योग-धंधे कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है। फ्रांस के उद्योग-धन्धे बैलजियम तथा जर्मनी के सीमाप्रान्त से लगे हुए कोयले