मुख्य व्यापारिक देश के लिए बहुत ही अनुकूल है । इसके अतिरिक्त कोयला यहाँ बहुत अधिक निकाला जाता है जिसके कारण यहाँ विशेष रूप से श्रौद्योगिक उन्नति सम्भव हो सकी । लोहा भी यहाँ यथेष्ट मिलता है । इस कारण स्टील तथा यंत्रों को बनाने का धन्धा जो अन्य धन्धों का जनक है यहाँ स्थापित हो सका । यंत्रों का आविष्कार सर्वप्रथम यहीं हुआ। इस कारण आधुनिक ढंग के कारखाने सर्व प्रथम यहां ही स्थापित हुए और ब्रिटेन औद्योगिक उन्नति में अग्रणी बन गया । ब्रिटेन की श्रौद्योगिक उन्नति का एक कारण यह भी है कि यहां के श्रमजीवी बहुत कुशल तथा परिश्रमी हैं। श्रौद्योगिक उन्नति के साथ ही साथ ब्रिटेन का व्यापार भी खूब ही चमका ! व्यापारिक उन्नति में उसका टूटा फूटा समुद्रतट, जलमार्गों की सुविधा, अच्छे बन्दरगाह नया नाविक शक्ति विशेष सहायक रहे हैं। ब्रिटेन का व्यापार मुख्यतः योरोप से है। परन्तु ब्रिटेन से बाहर जाने वाला तैयार माल अधिकतर साम्राज्य के अन्तर्गत देशों को जाता है और बाहर से आने वाली वस्तुओं में से अधिकांश योरोप तथा अमेरिका से आती है। फ्रांस फ़ांस का अधिक भाग मैदान है। कहीं कहीं टूटी-फूटी पर्वत श्रेणियाँ भी हैं जो मार्गों के लिए बाधक नहीं होती। दक्षिण धरातल पूर्व में पैरीनीज़ तथा आल्पस पर्वत मालायें हैं जिन्हें काटकर रेलें निकाली गई हैं। माउन्ट सेनिस की सुरंग आल्पस पर्वत माला को पार करती है। फ्रांस के मध्य में भी ऊँचा प्रदेश है। पूर्व की ओर सेवीनीज़ पर्वत श्रेणी है जो रोन की घाटी के पास एक साथ नीची हो जाती है। फ्रांस में अधिकांश पठार है. जिनके चारों ओर नीचे मैदान हैं। इन्हीं मैदानों में अधिकांश जनसंख्या निवास करती है। फ्रांस का जलवायु अच्छा है। दक्षिण में होने के कारण यहाँ का तापक्रम ऊँचा रहता है जिसके कारण खेती बारी भली जलवायु भांति हो सकती है। गर्मियों में दक्षिण पश्चिमी हवायें चलती हैं जिनसे वर्षा होती है। नार्थ-सी के समीप पतझड़ में भी वर्षा होती है। भूमध्य-सागर के तट के समीप जाड़ों में वर्षा होती है। दक्षिण में गर्मी अधिक होती है और गर्मियों में वर्षा बिलकुल ही नहीं होती। जर्मन मीमा के पास के प्रदेश में गर्मियों में गर्मी और जाड़ों में भयंकर जाड़ा पड़ता है। .
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मुख्य व्यापारिक देश