पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/३३८

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
३२९
मुख्य व्यापारिक देश

. भुख्य व्यापारिक देश RE करने लगे हैं और बहुत से देशों में बाहर से आने वाले कपड़े पर भारी चुंगो बिठा दी गई है। इसके विपरीत जापान को बहुत सी सुविधायें हैं जैसे चीन का विस्तृत बाज़ार समीप होना, वहाँ मजदूर बहुत सस्ते हैं और राज्य धंधे को प्रोत्साहन देता है। १९१३ में ब्रिटेन ने कुल ७,०००,०००,००० गज़ कपड़ा बाहर भेजा था जिसमें से ३,००००००००० गज़ • भारत में आया किन्तु १९३७ में ब्रिटेन ने कुल १,६००,०००,००० गज़ कपड़ा बाहर भेजा और उसमें से कुल ४००,०००,००० गज़ कपड़ा भारत में पाया। १९१३ में ब्रिटेन में २,१००,०००,००० पौंड कपास बाहर से मंगवाई किन्तु ११३७ में केवल १२००,०००,००० पौंड कपास. ही बाहर से आई। ऊपर दिये हुए ओंकड़ों से यह स्पष्ट हो जाता है कि ब्रिटेन का धंधा अवनति की ओर है । यद्यपि वहाँ धंधे को पुनः संगठित करने के प्रयत्न हो रहे हैं किन्तु फिर भी वह पूर्व दशा में कभी नहीं पहुँच सकता। लोहे और स्टील की उत्पत्ति की दृष्टि से संसार में ब्रिटेन का चौथा स्थान है। कोयला और लोहा समीप ही मिलने के लोहे और स्टोल कारण ही यह धंधा इतना उन्नत हो गया है। ब्रिटेन का धंधा में मुख्य पांच स्टील क्षेत्र हैं। यह ब्रिटेन का मुख्य लोहे और स्टील का प्रदेश है। लोहा, कोयला, (१) काला प्रदेश और लाइमस्टोन समीप ही मिलने के कारण (Black country यह प्रदेश महत्वपूर्ण बन गया है। परमिंगहम (Biriningbum) need! (Coventry) sta और रैडिच (Redditch) इस धधे के मुख्य केन्द्र हैं । परमिंगहम में मुख्यतः मोटरकार, साइकिल, रेलवे का सामान, मैशीन, टूल, विजली के अपरेटस बनाये जाते हैं, कावेंट्री में मोटरकार और सायकिल बनती हैं। रैडिच में सुई का धंधा केन्द्रित है और डडले में जंजीरों का धंधा केन्द्रित है। प्रारम्भ में शेफील्ड में लोहे की खाने थी और जंगल की लकड़ी तपा पानी पा किन्तु अब यहाँ लोहा समाप्त हो चुका है। (२) शैफील्ड लिंकलनशायर तथा स्वीडन से अधिकांश लोहा श्राता (Sheffield) है। यहाँ कैंची; छुरी; चाकू, ब्लैंड इत्यादि बहुत तैयार होते हैं। इसके अतिरिक्त मैंगनीज स्टील, क्रोमियमस्टील, और टंग्ल्टन स्टील बहुत अधिक तैयार होता है। इसके अतिरिक्त इस प्रदेश में रापरहैमः ( Ratherhum) और चैस्टरफीरड (Chesterfield) मुख्य केन्द्र हैं। श्रा० भू०-४२