- आज जापान खिलौने बनाने में संसार का प्रमुख देश बन गया है। यह खिलौने अन्य बड़े धन्धों के बचे हुए कच्चे माल तथा सैलूलौज से बनाये जाते हैं। पिछले वर्षों में जापान ने स्टील, लोहे के अन्य सामान, तथा मशीनें बनाने में भी यथेष्ट प्रगति की है। इनके अतिरिक्त नागासाकी, कोब तथा टोकियो में जहाज़ बनाने का धन्धा भी तेज़ी से बढ़ रहा है। ऊपर वर्णित धन्धे तो उन्नत अास्था में हैं ही, परन्तु पिछले कुछ वर्षों से चमड़े तथा शक्कर का धन्धा भी उन्नति करता जा रहा है। पिछले युद्ध के समय (१९१४ ) जापान में लोहे और स्टील का धंधा उन्नत कर गया क्योंकि बाहर से लोहा और मशीन आ नहीं सकती थीं। किन्तु जापान में धंधे के लिए यथेष्ट लोहा नहीं है इस कारण लोहा मंचूरिया, चीन, स्टेटसैटिलमेंट से मैंगाना पड़ता है। जापान में कुल लोहे का अनुमान ४०,०००,००० टन है थोड़ा लोह। चोजन में भी मिलता है। जापान की निर्धनता का तो इसी से पता चलता है कि संयुक्तराज्य अमेरिका में जितना लोहा एक वर्ष में निकलता है वह इससे अधिक है । जापान में कुल अनुमानित कोयला ८,०००,०००,००० टन है किन्तु वह इतना घटिया है कि उसका कोक नहीं बनाया जा सकता । जापान कोयला भी चीन और मंचूरिया (मंचकाऊ ) से मंगाता है । जहाँ तक लाइमस्टोन (चूने के पत्थर ) का प्रश्न है जापान में यथेष्ट है। पिछले युद्ध (१९१४ ) के समय से कागज़ का धंधा भी जापान में उन्नति कर गया है। आज जापान संसार का प्रमुख कागज़ का धंधा कागज़ उत्पन्न करने वाला देश बन गया है और चीन को कागज़ भेजता है। जापान में दो प्रकार का कागज़ का धंधा है। एक तो हाथ से कागज़ घरों में बनाया जाता है दूसरे कारखानों द्वारा कागज़ तैयार किया जाता है। जापान में पिछले एक हजार वर्षों से हाथ से कागज़ बनाने का धंधा होता आता है। हाथ के धंधे में कागज़ शहतूत के पेड़ की भीतरी छाल से तैयार किया जाता है। हाथ का बना कागज़ बहुत मोटा, सुन्दर, चिकना और टिकाऊ होता है। श्रआधुनिक ढंग से कागज़ बनाने के धंधे के लिए नीचे लिखी- सुविधायें जापान में उपलब्ध हैं:- (१) हांश्यू , होकैड्डो, करात्फ में कानीफरस वनों की बहुतायत. (२) जल-प्रपातों ( Waterfal's ) की बहुतायत
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