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आर्थिक भूगोल

यार्थिक भूगोल मोटर योग्य सड़क कनाडा भारत 1 श्राज देश मोटरों की संख्या की लम्बाई (लाखों में) संयुक्तराज्य अमेरिका लाख मील मांस ४६४,०५० मील २२ ब्रिटेन १७७,००० मील जरमनी १७१,२५० मील ३६४,३०० मील ७५,००० मील संसार में कुल ६.२२५,००० मील सड़क है जिस पर मोटर चल सकते हैं उसमें से लगभग एक तिहाई संयुक्तराज्य अमेरिका में है। यहाँ संसार में मोटर द्वारा गमनागमन बहुत है । संसार की ७५ प्रतिशत मोटरें संयुक्तराज्य अमेरिका में हैं। भारतवर्ष में मोटर योग्य सड़के केवल ७५,००० मील हैं। यों कच्ची सड़कें मिलाकर ३लाख मील सड़कें भारत में हैं। भारत जैसे विशाल देश के लिए यह बहुत कम हैं। स्टीम ऐंजिन का आविष्कार होने के बाद रेलों का प्रचार बढ़ा और कल तो सभी देशों में व्यापार और सफर रेलों के द्वारा ही होता है । वास्तव में रेलों का व्यापार तथा उद्योग- धंधों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है। यदि किसी देश में रेलों का प्रबंध अच्छा है, रेलवे कंपनियाँ देश के व्यापार को बढ़ाना चाहती हैं तो वहाँ का व्यापार शीघ्र ही बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए संयुक्तराज्य अमेरिका के पश्चिमी भाग को श्राबाद तथा उन्नत करने में रेलों का बहुत बड़ा हाथ रहा है। रेलवे कंपनियों ने उन भागों को सामान ले जाने तथा वहाँ से माल लाने के भाड़े को कम करके उन प्रदेशों को बसाने तथा उनकी उन्नति करने में सहायता पहुँचाई । बिना रेलवे लाइनों के देश के उद्योग-धंधे और व्यापार पनप ही नहीं सकते । सभ्य संसार में कुछ ही देश ऐसे हैं जहाँ रेलें नहीं हैं। जिन देशों में रेल पथ कम हैं वे औद्योगिक तथा व्यापारिक दृष्टि से पिछड़े हुए हैं। रेनों का विशेष गुण यह है कि वह कम भाड़े में माल तथा मुसाफिरों को तेज़ी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचा देती हैं | समय की बचत अर्थात् तेज रफ्तार हो रेनों का विशेष गुण है । किन्तु रेल को तेज़ चलाने के लिये चौरस भूमि पर पटरी डालना श्रावश्यक है। यदि चढ़ाई होगी तो रेल की रफ्तार बहुत कम हो जावेगी। थोड़ी सी चढ़ाई के कारण ही रेल की चाल