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आर्थिक भूगोल

- २४४ आर्थिक भूगोल भी धन्धा करते हैं और ककूनों को बेच देते हैं । याकोहामा (Yokohamm, रेशम की मुख्य मडी है। यहाँ से ही रेशम विदेशों को भेजा जाता है। जापान और चीन संसार का लगभग ८५ प्रतिशत कचा रेशम उत्पन्न करते । अस्तु अधिकतर कच्चा रेशम इन्हीं दो देशों से जाता है। चीन में रेशम के कोड़े पालने का धन्धा निचली यंगटिसी वेसिन में बहुत होता है । इसके मुख्य केन्द्र शंघाई, हाँगचाऊ, सूचाऊ, हाँकाऊ, कैंटन और चीफू हैं । जापान का रेशम बहुत बढिया नहीं होता है । योरप में इटली कच्चा रेशम बाहर भेजने वालों में मुख्य है । इटली का रेशम बढ़िया होता है। इटली में पीडमांट ( Piedmont ) लम्बार्डी ( Lomburdy) तथा वेनेशिया (Venetia) रेशम उत्पन करने के मुख्य केन्द्र हैं। संयुक्तराज्य अमेरिका में बढ़िया रेशमी कपड़े की बहुत मांग है, इस कारण "बाहर से रेशमी कपड़ा तथा रेशम बहुत आता है। संयुक्तराज्य अमेरिका के बाद ब्रिटेन रेशम तथा रेशमी कपड़ा मँगाने वालों में मुख्य है । रेशमी कपड़ा बाहर भेजने वालों में फ्रांस, जापान और इटली प्रमुख हैं। वेस्ट-सिल्क ( कारखानों का बना हुआ रेशम ) का धन्धा उन सभी देशों में होता है जहाँ रेशम का धन्धा होता है। किन्तु विशेष रूप से यह धन्धा पूर्वीय स्वीटजरलैंड, दक्षिणी पूर्वीय फ्रांस तथा जापान में केन्द्रित है । पिछले कुछ वर्षों से नकली रेशम बहुत बनने लगा है। धीरे धीरे नकली रेशमी कपड़े की माँग भी बढ़ती जा रही है। नकली रेशमी इस कारण यह धन्धा बहुत जल्दी ही उन्नति कर कपड़े का धन्धा गया । सर्व प्रथम नकली रेशम बनाने का धन्धा फ्रांस (आर्टिफिशियल में १८६५ में स्थापित हुआ और वहाँ से योरोप के अन्य देशों में फैला। नकली रेशम सैलुलाज ( Cellulose ) से बनाया जाता है । सैलुलाज एक पदार्थ है जो कि वृक्षों और पौधों से निकाला जाता है। अधिकतर . सैलुल्लाज ( Cellulose ) लकड़ी की लुन्दी (Voodpulp ) विशेष कर पाइन ( Pine ) और स्यूस की लुन्दी से तथा कपास से निकाला जाता है। तदुपरान्त सैलुलाज ( Cellulose ) को रसायनिक क्रियाओं द्वारा चिपकने वाली पतली लुब्दी में परिणत कर लिया जाता है। यह पतली लुब्दी जब पतली नलियों में दवाई जाती है तो रस्सी के रूप में परिणत हो जाती है जो कि कात ली जाती है और सूत तैयार हो जाता है। नकली रेशम बनाने के चार मुख्य तरीके हैं परन्तु अधिकांश नकली रेशम (६०% ) ऊपर बताये हुए तरीके से ही तैयार होता है। 1 सिल्क)