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गौण उधोग-धंधे

-- . गौण उद्योग-धन्धे हैं.। रंगीन कपड़े कोलने ( Coine ) में तथा धौतियां ब्लैकबर्न में बनती हैं। इसका यह अर्थ कदापि नहीं है कि कपड़ा बुनने के केन्द्रों में सूत कातने के कारखानें नहीं हैं अथवा सूत कातने के केन्द्रों में कपड़ा बुनने के केन्द्र नहीं हैं । लंकाशायर के बाहर लॉग-ऐटन (Lorg-Laton ) ग्लासगो (Glasgow ) नाटिंगहम ('Nottingham ) तथा पैरले ( Piirley) मुख्य सूती कपड़े के धन्धे के केन्द्र हैं । यह केन्द्रं ऐसी जगह स्थित हैं जहाँ समुद्र की नम इंवा खूचे आती है। ब्रिटेन के सूती कपड़े के धंधे की विशेषता यह है कि वहाँ बढ़िया कपड़ा ही अधिकतर तैयार किया जाता है । मोटा कपड़ा बहुत कम बनाया जाता है। जब से जापानी और भारतीय कपड़े की स्पर्धा बढ़ गई तबसे तो ब्रिटेन के कारखानों ने अधिकाधिक बढ़िया कपड़ा बनाने की ओर ही अधिक ध्यान दिया है। पिछले वर्षों में जापान की प्रतिस्पर्धा इतनी तव्र हो गई कि. ब्रिटेन के धंधे में बहुत परिवर्तन हो गए हैं। यही नहीं कि वहाँ के कारखाने अधिकाधिक बढ़िया कपड़ा, बनाने लगे हैं वरन प्रबंध तथा व्यवस्था में सुधार करने तथा व्यय को कम करने की दृष्टि से मिलों का एकीकरण (Amalgamation ) किया जा रहा है जिससे जापान की प्रतिस्पर्धा का सामना किया जा सके । इस प्रदेश में सूती कपड़े के धंधे के साथ ही साथ रंगाई, छपाई तथा कपड़े के धन्धे की मशीनें बनाने का धन्धा. भी चल पड़ा है। कारण यह है कि कपड़े की रँगाई और छपाई होती है अतएव यह सहायक धन्धे. भी मुख्य धन्धे के आस पाम ही केन्द्रित हैं। कोयला और लोहा समीप ही होने के कारण मशोनें बनाने का धन्धा भी यहाँ उन्नति कर गया है क्योंकि उनकी मांग इसी प्रदेश में हैं। ब्रिटेन के निर्यात व्यापार ( Export Trade ) में 'सूती कपड़ा सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। जिंतने मूल्य का कुल निर्यात ( Export ) व्यापार होता है । उसके २० प्रतिशत मूल्य का केवल कपड़ा बाहर जाता है। अधिकतर ब्रिटेन का कपड़ा मारतवर्ष, तथा ब्रिटिश साम्राज्य के अन्तर्गत देशों को जाता है। लिवरपूल और मैंचेस्टर यहाँ के मुख्य बंदरगाह हैं। लिवरपूल अमेरिका से आई हुई कपास की बहुत बड़ी मंडी है । जगत में संयुक्तराज्य अमेरिका का सूती कपड़ा तैयार करने वाले देशों में दूसरा स्थान है। वास्तव में संयुक्तराज्य अमेरिका का सूती कपड़े का धन्धा श्रा० भू०-३० >