गौण उद्योग-धन्धे २२७ . '. (Philadelphin ) में कपड़े के धन्धे में काम आने वाले यन्त्र तैयार किये जाते हैं क्योंकि वहाँ कपड़े का धन्धा स्थापित । इसी प्रकार मैंनचेस्टर में भी कपड़े के धन्धे में काम आने वाले यन्त्र तैयार किये जाते हैं। जो यंत्र भारी नहीं होते किन्तु जिनमें श्रम बहुत अधिक आवश्यक होता है वह ऐसे स्थानों पर स्थापित किए जाते हैं जहाँ अन्य सुविधाओं के साथ कुशल मजदूर मिल सके । उदाहरण के लिये घड़ियों का धन्धा । अधिकतर यंत्रों ( Machineries ) का धन्धा वहीं स्थापित . होता है जहाँ कि उन यंत्रों की मांग होती है। इससे केवल यही लाभ नहीं होता कि यातायात का खर्च बचता है साथ ही उससे दो लाम और भी होते हैं। प्रथम, यंत्र बनाने वाले कारखाने अपने इंजिनियरों के द्वारा उन मशीनों का फिटिंग इत्यादि करवा सकते हैं, दूसरे मशीनों में क्या कमी है किस दिशा में सुधार की आवश्यकता है इसकी जानकारी आसानी से हो सकती है। जो लोग कि मशीनों पर काम करते रहते हैं वे उसमें सुधार किस दिशा में होना चाहिए यह भली प्रकार बता.सकते हैं। अस्तु अधिकतर मशीनों का धन्धा उन्हीं स्थानों पर केन्द्रित हैं जहाँ कि उनकी विशेष मांग है। 'संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, और इङ्गलैंड इस धन्धे में प्रमुख हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में खेती के यंत्र सबसे अधिक तैयार किए जाते हैं। मशीन टूल ( मशीनों की मरम्मत करने वाले यंत्र ) ऐंजिन, मोटर तथा अन्य प्रकार की मशीनें औद्योगिक केन्द्रों में तैयार की जाती हैं। ऐंजिन बनाने में जर्मनी प्रमुख है। रेलवे ऐंजिन तैयार करने को संसार भर में सबसे प्रसिद्ध केन्द्र फिलीडैलफिया है। सूती कपड़े के धन्धे के यत्र ( Textile Machinery) यह यंत्रों का धंधा संयुक्तराज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जरमनी और इटली में मुख्यतः केन्द्रित है । संयुक्तराज्य अमेरिका में इस धन्धे का मुख्य केन्द्र मैसाचुसेट्स ( Massachusetts ) है अब दक्षिण में करोलिना में भी यह धन्धा उन्नति कर गया है। संयुक्तराज्य अमेरिका संसार में सबसे अधिक खेती के यंत्र तैयार करता है जिन देशों में मजदूर सस्ते हैं जैसे भारत और चीन में वहाँ खेती के यंत्र खेती में यंत्रों का उपयोग नहीं होता किन्तु जहाँ मजदूरों की कमी है जैसे कनाडा, संयुक्तराज्य अमेरिका, पास्ट्र. लिया; अरजैनटाइन इत्यादि वहाँ यंत्रों का खेती में बहुत उपयोग होता है। , 1
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गौण उधोग-धंधे