गौण उद्योग-धन्धे २९६ हुई म!ग को यह पूरा करता है । फिर भी यहाँ स्थानीय आवश्यकता से अधिक पिग आयरन तैयार होता है जो उत्तर की ओर भेज दिया जाता है। संयुक्तराज्य अमेरिका के लोहे और स्पात .( Steel ) के बन्धे कोः उन्नति पिछले योरोपीय महायुद्ध ( १९१४-१८ ) के उपरान्त विशेषकर हुई। उस समय लोहे और स्टील.की माँग इतनी अधिक बढ़ गई कि संयुक्तराज्य. अमेरिका के कारखानों ने अपनी शक्ति के बाहर लोहा और स्टील बनाने का प्रयत्न किया । इसके उपरान्त भी संसार में लोहे तथा स्टील की मांग बढ़ती गई । यद्यपि संयक्तराज्य अमेरिका संसार में सबसे अधिक लोहा. और स्टील तैयार करता है, किन्तु अधिकांश लोहा और स्टील देश. में ही खंप जाता है। कुल उत्पचि का केवल पाँच प्रतिशत स्टील विदेशों को जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि संयुक्तराज्य अमेरिका में ही लोहे और स्टील की मांग बहुत है। यंत्र तथा मोटर इत्यादि का धन्धा संयुक्तराज्य अमेरिका में . इस तेजी से बढ़ा है कि साराः लोहा और स्टील इन धन्धों में ही 'खप: जाता है। योरोप में ब्रिटिश, रूर लारेन, सिलीशिया जर्मनी में ) तथा स्वीडन में लोहे का धन्धा मुख्यतः स्थापित है। इन प्रदेशों योरोप को लोहे में लोहा और कोयला समीप ही मिलता है। इस कारण तथा स्टील का वहाँ यह धन्धा पनप उठा है। यही नहीं कि इन धन्धा. 'प्रदेशों में लोहा और कोयला बहुतायत से मिलता है वरन ब्रिटिश लोह केन्द्रों तथा : रुर लारेन. ( Rhur- Lorraine ) को समुद्र के समीप होने से माल को बाहर भेजने को विशेष सुविधा है,। हाँ मिलीशिया (Silesia ) अवश्य ही समुद्र से दूर अन्दर की तरफ है। लोहे और स्टील का धन्धा सबके पहले ब्रिटेन में ही स्थापित हुआ और प्रारम्भ में बहुत समय तक ब्रिटेन. ही संसार ' में ब्रिटेन का धन्धा सबसे अधिक लोहा और , स्टील तैयार करता था। इङ्गलैंड में लोहे और कोयले की खाने बहुत पास हैं और वे समुद्र से भी दूर नहीं हैं। इस कारण यहाँ धन्धे के.पनप जाने के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं। क्रमशः कुल लोहे की खाने समाप्त हो गई तथा वैसीमर ( Bessemer ) क्रिया का आविष्कार हो जाने के उपरान्त विदेशों से फासफोरस रहित कन्चे लोहे ( Iron ore) तथा अन्य प्रकार के कच्चे लोहे को मँगाने की आवश्यकता हुई। इस कारण जो केन्द्र कि बंदरगाहों के समीप थे उन्हें और भी सुविधा हो गई। तटवर्ती, केन्द्रों को बाहर से
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गौण उधोग-धंधे