धार्षिक भूगोल 99 " ") जापान 1 बिजली के उपयोग से एक लाभ यह भी होगा कि जहाँ कच्चा माल ( Raw Material ) मिलेगा वहीं कारखाना खड़ा किया जा सकेगा। कच्चे माल को कारखाने तक लाने का खर्चा बच जावेगा। सच तो यह है कि इस सफेद कोयले (बिजली ) के द्वारा उद्योग-धंधों की काया पलट हो जावेगी। संसार में जल विद्युत् की उत्पत्ति संयुक्तराज्य अमेरिका ११, ११०, ००० किलोवाट कनाडा ४, ५८०, ००० इटली ३, ०५०,००० फ्रांस २,२५०, ००० जरमनी १,४६०,००० अन्य देश ७, ४३०, ००० पिछले दिनों सोवियत रूस में जल-विद्यत् का बहुत विस्तार हुआ है किन्तु उसके आंकड़े प्राप्त नहीं हैं। संयुक्तराज्य अमेरिका में अपलेशियन पहाड़ी प्रदेश तथा राको पर्वत माला में अत्यधिक जल-विद्युत् उत्पन्न होती है । कनाडा में तो उतनी जल. विद्युत् होती है कि प्रत्येक औद्योगिक केन्द्र को वह बिजली मिलती है। योरोप में पाल्पस पर्वत माला के प्रदेश में जल-विद्युत् का खूब प्रसार हुआ है। सम्भवतः भविष्य में एलकाहल ( Alcohol ) भी शक्ति उत्पन्न करने के साधनों में महत्वपूर्ण हो जावेगा। इसकी एलकाहल कीमत कम होने के कारण यह पैट्रोलियम के स्थान पर (Alcohol) उपयोग में लाया जाता है। एलकाहल कतिपय वनस्पतियों से बनता है। इस कारण इसकी उत्पत्ति उन वनस्पतियों को पैदा करने से बढ़ सकती है। मनुष्य ने शक्ति के अन्य साधन भी ढंढ निकाले हैं और अधिक की खोज में हैं। प्रकृति के भपहार में अनन्त शस्ति भरी पड़ी है। ज्वार भाटी के चढ़ाव उतार तपा तेज धूप से भी शक्ति उत्पन्न की जा सकती है। परन्तु पभी व्यापारिक दृष्टि से इन साधनों का उपयोग सफल नहीं हुआ है । भविष्य मैं आशा की जाती है कि सूरज की किरणों तथा समुद्र की महरों से शक्ति उत्पन्न की जा सकेगी। यदि इन प्रयत्नों में सफलता मिल गई तो उष्ण
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आर्थिक भूगोल