आर्थिक-भूगोल बनाने के लिए पत्तियों को तोड़ने के उपरान्त बड़े बड़े कढ़ाहों में भून लिया जाता है जिससे कि पत्ती का रंग न बदल सके । भुन जाने के उपरान्त हरी चाय तैयार हो जाती है। भारतवर्ष, सीलौन, और डच पूर्वीय द्वीप समूह में काली नाय हो तैयार की जाती है। जापान में हरी चाय और चीन में दोनों प्रकार की चाय बनती है। सम्भवतः चीन संसार में सबसे अधिक चाय उत्पन्न करता है किन्तु उसके विषय में कुछ ठीक ठोक ज्ञात नहीं है । ७० वर्ष पूर्व तो चीन ही संसार को चाय पिलाता था। किन्तु अब चीन बहुत कम चाय विदेशों को भेजता है क्योंकि अधिकांश चाय की खपत चीन में ही हो जाती है । उन्नीसवीं सदी के मध्य में भारतवर्ष में चाय की पैदावार अरम्भ हुई और क्रमशः भारतवर्ष चाय उत्पन्न करने वाले देशों में प्रमुख हो गया । चाय उत्पन्न करने वालों में क्रमश: निम्नलिखित देश मुख्य हैं। चीन, भारतवर्ष, सीलोन, जापान, जावा, नैटाल, फिजी, और फारमोसा, ब्राजील और कैलीफोर्निया में भी चाय की पैदावार होती है। सबसे अधिक चाय भारतवर्ष से विदेशों को जाती है दूसरा नम्बर लंका का है। भारतवर्ष और लंका मिलकर विदेशों में भेजी जाने वाली चाय की दो तिहाई चाय भेजते हैं। इनके उपरान्त जावा, चीन, जापान, और फारमोसा से चाय बाहर भेनने वालों में मुख्य हैं । चाय मँगाने बालों में क्रमश: ब्रिटेन, संयुक्तराज्य अमेरिका, आस्ट्रेलिया, रूस और कनाडा मुख्य हैं। पिछले वर्षों में चाय की पैदावार बहुत बढ़ गई इस कारण उसकी कीमत घट गई है। जहाँ अंग्रेज़ लोग बसे हैं वहाँ चाय की खपत बहुत है और जहाँ अंग्रेज लोग नहीं हैं वहां कहवा पिया जाता है। संमार में चाय की पैदावार (मैटरिक क्विन्टल Quintals में) चीन ४,०००,००० मारतवर्ष १,७४८,००० तंका १,१२०,००० उच पूर्वीय द्वीप समूह ८१६,००० ५७५,००० संसार में सबसे अधिक चाय चीन उत्पन्न करता है किन्तु सबसे अधिक चाय भारतवर्ष विदेशों को भेजता है। जापान
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