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आर्थिक भूगोल

भार्षिक भूगोल 1 जो गेहूँ की हो जाति का अनाज है। किन्तु यह अंग अनाजों से अधिक कठोर होता है। उर्वरा भूमि में जो की पैदावार खूब होती है यद्यपि साशय भूमि भी जी की खेतः के लिए उपयुक्त है। जो गेहूँ से अधिक शीत को सहन कर सकता है । जो की पैदावार उत्तरी ध्रुव ( North pole ) के समीप भी होती है। जो को अधिक वर्षा की आवश्यकता नहीं होती, जहाँ वर्षा अधिक होती है वहाँ जी उत्पन्न नहीं हो सकता। संसार में क्रमश: सोवियत रूस. संयुक राज्य अमेरिका, जर्मनी और भारतवर्ष जौ उत्पन्न करने वाले देशों में मुख्य हैं। जौ केवल ठंडे ही देशों में उत्पन्न नहीं होता वरनं गरम देशों में भी उत्पन्न होता है। जहाँ एक और जौ को पैदावार नार्वे तथा स्वीडन में खूब होती है वहीं दूसरी ओर नील नदी की घाटी, सुडान, और भारतवर्ष में भी इसकी खूब पैदावार होती है। प्रति एकड़ जौ को पैदावार और अनाजों से अधिक होती है। कुछ समय पूर्व जौ योरोपीय देशों का भोज्य पदार्थ था किन्तु अब स्कैन्डिनेबिया, लस, तथा दक्षिण योरोप के देशों के अतिरिक्त कहीं इसका उपयोग खाने में नहीं होता। अधिकतर जौ का उपयोग पशुओं को खिलाने तथा बियर और हिस्की नामक शराब बनाने में होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में जौ'का उपयोग पशुओं को खिलाने के लिए होता है तथा इंगलैंड और जर्मनी में जौ का उपयोग शराब बनाने में होता है। सबसे अधिक जौ योरोप में उत्पन्न होता है। सोवियत रूस संसार में सबसे अधिक जौ उत्पन्न करता है। रूस के अतिरिक्त संयुक्तराज्य अमेरिका, जर्मनी, और मारतवर्ष जौ उत्पन्न करने वाले देशों में मुख्य हैं। परन्तु आस्ट्रिया, हंगरी, रुमानिया, फ्रांस, इटली, चीन, नावे, स्वीडन, डैनमार्क टर्की ब्रिटेन, स्पेन, जापान और कोरिया में भी जी को अच्छी पैदावार होती है। जौ ( Barley ) की पैदावार (लाख टनों में) संयुक्तराज्य अमेरिका ६६ स्पेन २६ सोवियत रूस १० उत्तरी अफ्रीका जरमनी ३२ / रुमानिया २६ पोलैंड मारतवर्ष २४ | जैकोस्लावा किया १५ जापान १४ कनाडा संसार में लो की कुल उत्पत्ति ४०८ लाख टन के लगमा है।