आठवाँ परिच्छेद खेती की पैदावार-भोज्य पदार्थ गेहूँ सबसे अधिक महत्वपूर्ण अनाज है। मनुष्य जनसंख्या का बहुत बड़ा माग गेहूँ हो खाता है यद्यपि चावल खाने वालों की संख्या गेहूँ खाने वालों से कम नहीं है। गेहूँ की खेती अत्यन्त प्राचीन काल से होती आ रही है और भिन्न भिन्न जलवायु में इसको उत्पन्न करने का प्रयत्न किया गया है इस कारण इसकी अगणित जातियां हैं। रूस के उत्तरी भाग में उत्पन्न होने वाला गेहूँ भारतवर्ष में उत्पन्न नहीं हो सकता | भारतवर्ष का गेहूँ शीघ्र पकने वाला होता है इस कारण उन प्रदेशों में जहां गरमी कम पड़ती है वहाँ उत्पन्न नहीं हो सकता है। इसी प्रकार प्रत्येक देश में वहां के जलवायु के अनुकूल ही गेहूँ के बीज को उत्पन्न करने का प्रयत्न किया गया है। Large Production Sma? गेहूं शीतोष्ण ( Temperate ) प्रदेशों की पैदावार है। ऊष्ण कटिबन्ध ( Tropics ) में इसकी पैदावार लगभग नहीं के बराबर होती है। यही कारण है कि १० प्रतिशत गेहूँ की उत्पत्ति उत्तरी गोलाद्धं के शीतोष्ण प्रदेशों में होती है। गेहूँ के बोने के समय ठंड और नमी होना आवश्यक है। जय पौधा धीरे धीरे बढ़ता है उस समय भी ठंड की ज़रूरत होती है। गेहूँ को अच्छी फसल के लिए ठंड और नमी बहुत लाभदायक है। किन्तु फसल
पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/१३९
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
आठवां परिच्छेद
खेती की पैदावार- भोज्य पदार्थ