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मुख्य धंधे-पशु पक्षियों पर अवलंचित धंधे

मुख्य धन्धे-पशु-पक्षियों पर अवलम्बित धन्धे १०७ .- ( -- १८० सोवियत रुस ............... ऊन उत्पन्न करने वाले देशों के आंकड़े टनों में ००० छोड़ दिए गए हैं) श्रास्ट्रोलिया "५१५ संयुक्त राज्य अमेरिका...२१० अरजैनटाइन न्यूज़ीलड १४५ दक्षिण अफ्रीका १२५ ....."१६० भारतवर्ष वैसे तो दूध देने वाले पशु बहुत से हैं परन्तु गाय, भैंस, बकरी, तथा भेड़ मुख्य हैं। भैंस का दूध भारतवर्ष में ही अधिक दूध का धंधा होता है। संसार में मुख्यतः गाय ही दूध देने वाला (Dairy farming) पशु है अतएव जहाँ गाय पालने की सुविधा है वहीं दूध का धंधा उन्नत कर गया है। दूध अधिकतर तरल पदार्थ के रूप में ही पिया जाता है । अधिकांश दूध का उपयोग पीने में अथवा चाय के साथ पीने में होता है । इसके अतिरिक्त मक्खन और. पनीर के रूप में भी दूध का बहुत उपयोग होता है। भारतवर्ष में दूध से घी, तथा अन्य पदार्थ बनाये जाते हैं। संसार में क्रमशः दूध और दूध से तैयार होने वाले पदार्थों की खपत बढ़ती जा रही है । जैसे-जैसे भूमि की कमी होगी वैसे ही वैसे मांस की खपत कम और दूध का उपयोग बढता जावेगा । क्योंकि दूध का धंधा खेती का एक सहायक धंधा है। गहरी खेती ( Intensive cultivation ) का यह एक आवश्यक अंग है । गहरी खेती का अर्थ यह है कि थोडी सी भूमि से अधिक सम्पत्ति उत्पन्न की जावे । अस्तु घनी आबादी वाले देशों में किसान खेती के साथ साथ दूध का भी धंधा करता है । खेत में चारे तथा अनाज को. खिलाकर वह बहुत अधिक मूल्य का दूध उत्पन्न करता है। अतएव जहाँ गहरी खेती ( Intensive cultivation ) को अपनाना आवश्यक हो गया है वहाँ किसान दूध, का भी धंधा करता है।

यह तो पूर्व ही कहा जा चुका है कि दूध का धंधा . मुख्यतः गाय पर

निर्भर है। यह धंधा उन प्रदेशों में अधिक सफलतापूर्वक किया जा सकता है जो साधारणतः ठंडे हों और जहाँ यथेष्ट वर्षा होती हो जिससे घास तथा अन्य प्रकार का चारा यथेष्ट मात्रा में उत्पन्न हो सके। दूध अधिकतर जहाँ , उत्पन्न किये