आर्थिक भूगोल 5 3 तथा १०४ भेड़ का मांस ( Mutton ) गाय और बैल के मांस ( Beef ) तथा, सुश्रर के माँस ( Pork ) से कम महत्वपूर्ण है । भेड़ भेड़ ( sheep ) के सम्बन्ध में एक बात, विशेष उल्लेखनीय है कि जो जाति अच्छा मटन उत्पन्न करती है । वह ऊन उत्पन्न नहीं करती और जिसका जन अच्छा होता है उसका मांस अच्छा नहीं होता। अब कुछ ऐसी. नस्लें उत्पन्न की गई हैं जो मांस और ऊन दोनों ही उत्पन्न करती हैं। मटन उत्पन्न करने वाले देशों में न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया अरजैनटाइन तथा उरग्वे ( Uruguur ) मुख्य हैं। न्यूजीलैंड में मटन बनाने का धंधा पिछले दिनों में विशेष उन्नति कर गया है। संसार में पालतू पशुओं में भेड़ों की संख्या सबसे अधिक है। संसार . में भेड़ों की संख्या की दृष्टि से क्रमश: निम्नलिखित देश ऊन ( wool ) महत्त्वपूर्ण हैं: आस्टे लिया रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका,' . 'अरजैनटाइन, न्यूजीलैंड । श्रास्टे लिया में लगभग ग्यारह करोड़ भेड़ें हैं। भेड़ें अधिकतर शीतोष्ण कटिबन्ध ( Temperate zone) के शुष्क प्रदेशों में पाली जाती हैं । भेड़ में एक.विशेषता यह है कि वह शुष्क प्रदेशों तथा पहाड़ी, स्थानों में जहां कि थोड़ी सी भी घास उत्पन्न होती हो रह सकती है । भेड़ के लिए नम और अधिक गरम जलवायु उपयुक्त नहीं है भेड़ ऊँचे प्रदेश में रहने वाला पशु है। इस कारण इसके पालने से खेती के योग्य भूमि नष्ट नहीं होती। जनसख्या के अधिक बढ़ने पर नये देशों में इतने अधिक गाय और बैल न पाले जा सकेंगे जितने कि आज पाले. जाते हैं, किन्तु भेड़ों की संख्या में कोई अन्तर नहीं पा सकता। भेंड़ एक ऐसा पशु है जो कठिन परिस्थिति में भी रह सकता है । यही कारण है कि बहुत से द्वीप तथा प्रदेश जहाँ खेती वारी तथा दूसरे धर्षों के लिए परिस्थिति अनुकूल नहीं है भेड़ पालकर जन बाहर भेजते हैं। कुछ प्रदेश तो ऐसे हैं कि जहाँ भेड़ों को पालने के अतिरिक्त और कोई धन्धा ही नहीं होता। फाकलैंड ( Fulklund ) तथा श्राइसलैंड ( Iceland) के निवासियों का भेड़ चराना ही एक मात्र धन्धा है। प्रारम्भ में लिखे हुए देशों के अतिरिक्त ब्रिटेन में भी भेड़ों को चराने का धन्धा बहुत पुराने समय से होता आ रहा है। उन भेड़ को हो उपज है। ऊन तीन प्रकार का होता है। मैरिनो ऊन जो मैरिनो ( Merino ) जाति की भेड़ से उत्पन्न होता है, क्रासबेड (Crossbred ) तथा कारपेट (Curpet ) अन। मैरिनो जाति की भेट सबसे उत्तम अन उत्पन्न करती है। भिन्न भिन्न नरक्षों के संसर्ग .
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