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२४–भक्तियोग
ले° श्रीयुक्त अश्विनी कुमार दत्त

कौन भगवान् की प्रेम से सेवा नहीं करना चाहता! कौन भगवद्-भक्ति के रसका आनन्द नहीं लेना चाहता! आदर्श भक्तों के जीवन का रहस्य कौन नहीं जानना चाहता! हृदय की साम्प्रदायिक संकीर्यता को त्याग कर, सुन्दर मनोहर दृष्टान्तों के साथ साथ, धर्मशास्त्रो और उच्च कोटि के विद्वानों, भक्तों और महात्माओं के अनुभवों से भक्ति का रहस्य जानने के लिये इस ग्रन्थ का आदि से अन्त तक पढ़ जाना आवश्यक है। ईश्वरभक्तों के बिये हिन्दी साहित्य में अपने का यह एक अपूर्ण ग्रन्थ है। पृष्ठ १६८। मूल्य सजिल्द १॥)

२५–तिब्बत में तीन वर्ष
ले° जापानी यात्री श्रीइकाई कावागुची

तिब्बत एशिया खंड का एक महत्वपूर्ण अङ्ग है, परन्तु वहां के निवासियो-की धर्मोधता तथा शिक्षा के अभाव के कारण अभी तक वह खंड संसार की दृष्टि से ओझल ही था, परन्तु अब कई यात्रियों के उद्योग और परिश्रम से वहां का बहुत कुछ हाल मालूम हो गया है। सबसे प्रसिद्ध यात्री कावागुची की यात्रा का विवरण हिन्दी-भाषा-भाषियों के सामने रक्खा जाता है। इस पुस्तक में आपको ऐसी भयानक घटनाओं का विवरण पड़ने को मिलेगा जिनका ध्यान करने मात्र से ही कलेजा कॉप उठता है, साथ ही ऐसे रमणीक स्थानों का चित्र मी आपके सामने आयेगा जिनको पढ़कर आनन्द के सागर में लहराने लगेंगे। दार्जिलिंग, नैपाल, हिमालय की बर्फीली चोटियां, मानसरोवर का रमबीय दश्य तथा कैलाश आदिका सविस्तर बखांन पढ़कर आप ही आनन्दलाम करेंगे। इसके सिवा वहा के रहन-सहन, विवाह शादी, रीति-रिवाज एवं धार्मिक सामाजिक, राजनैतिक अवस्थाओं का भी पूर्ण हाल विदित हो जायगा। ५२५ पृष्ठ की पुस्तक का मूल्य २॥) अजिल्द २॥=)