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"और अपराध तो उसके टांडव देने योग्य थे ही नहीं । उस बच्चे को मारने का अपराध था । उसने उसका इरादा साबित न हुआ होगा । बस यही कानूनी बारीकी !"

"खैर, हो गया! गया दुष्ट काले पानी !"

"कहीं जावे । भगवान अब भी उसे क्षमा करें । यातनाएं भोगने से वह संभले और फिर कभी ऐसे पापू में प्रवृत न हो । सबके भले में अपना भला है ।"

"हां बेशक शत्रु पर दया करनी है सच्चा हिंदूपन है ।"इस तरह बातें करते करते दोनों सो रहे ।