पृष्ठ:आदर्श महिला.djvu/२८४

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२६८
[ पाँचवाँँ
आदर्श महिला

बाहुदेव से बिदा होकर, चिन्ता और भद्रा को साथ ले, श्रीवत्स अपने राज्य में लौट आये। प्रजा के उदास चेहरे पर हर्ष छा गया। एक दिन प्रजा ने आँसू ढालकर राजा को बिदा किया था, और फिर प्रेम के आँसू बहाकर उसने राजा-रानी का स्वागत किया। राजधानी में जहाँ-तहाँ आनन्द-मङ्गल होने लगा।




॥इति॥