पृष्ठ:अहिल्याबाई होलकर.djvu/५०

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पर सदा के लिये छोड़ आप सदा के लिये सुंख की नींद में सो गए। हाय! जब यह समाचार अहिल्याबाई पर विदित हुआ होगा तब उनकी क्या अवस्था हुई होगी। यथा विधि मल्हारराव होलकर का उत्तर कार्य किया गया और जहां पर उनके स्मरणार्थ अधिक द्रव्य व्यय करके अहिल्याबाई ने एक छत्री बनवाई और उसके नित्य खर्च के लिये तीस हजार रुपए के गांव लगा दिए जो आज दिन विद्यमान् है और वहां की व्यवस्था भी उत्तम प्रकार से चलती है। मल्हारराव होलकर स्वर्गवास होने से पेशवा का तथा संपूर्ण मराठा वीरों का बल और उत्साह क्षीण हो गया।



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