भेजी । तीस पैंतिस सज्जनों ने इस सूची पर अग्नी सम्मति दी। कुछ
और काम करने के बाद जगभग ७०० शब्द तैयार हुए; उन के हिन्दी पर्यायवाची शब्द दिये गये । जनवरी १९२२ ई० में उपसमिति की रिपोट उपस्थित की आने पर, ऐसोषियेशन ने निश्चय किया कि सूची पर्यास नहीं है, इसके लिए एक वर्ष और कार्य किया जाय।परन्तु, फिर यह कार्य आगे नहीं बढ़ सका।
सन् १९२३ ई. में श्री० दुबे जी के उद्योग से भारतवर्षीय हिन्दी अर्थशास्त्र परिषद की स्थापना हुई, उसने इस कार्य को अपने हाथ में लिया। लेकिन, कार्य कुछ विशेष न हो सका । इस समय श्री० भगवानदासजी बेला ने भारतीय अर्थशास्त्र' और 'भारतीय राजस्व' पुस्तके लिखी, उनके लिए उन्होंने पारिभाषिक शब्द सूची तैयार की,जिसमें इकानामिक ऐसोसियेशन की उपसमिति द्वारा तैयार की हुई शब्दावली का मी उपयोग किया। इसी समय श्री गदाधरप्रसादजी अम्बष्ट भी इस काम में लगे हुए थे; उन्होंने बहुत प्रयल करके सन् १९२७ ई० में अर्थशास्त्र के लगभग ढाई हजार अगरेजी शब्द एवं उन में से बहुतों के हिन्दो पर्यायवाची शब्द सग्रह किये।
अन्ततः हम तीनों मिलाकर इस कार्य में सम्मिलित रूप से उद्योग
करने लगे। अब निश्चय किया गया कि अर्थशास्त्र का कोष वृहद् रूप में तैयार किया जाय, उसमें सभी आवश्यक शब्दों की परिभाषायें दी जायें। कोष के दो भाग रहे । प्रथम भाग में अंगरेजी के शब्द, उनकी अंगरेजी परिभाषा तथा हिन्दी, बंगला, गुजराती, मराठी और उर्दू के पर्यायवाची शब्द दिये जायें। दूसरे माग में हिन्दी के अर्थशास्त्र