मिलता। इस पुस्तक ने हिन्दी-संसार के सामने एक सुन्दर आदर्श उपस्थित किया है। हिन्दुस्तान के प्रत्येक पिता को इस पुस्तक की एक प्रति अवश्य अपने दयों के हाथ में देनी चाहिये। लगभग तीस-चालीस चित्रों से विभूपित, पचरंगे टाइटिल से सुशोभित, काढ-योटं के यक्स में यन्द पुस्तक विल्कुल एक वदिया खिलौने के रूप में पेश की गई है । मूल्य केवल ३)पया। ३- वादशाह की वेटी (अनुवादक-श्री० ऋषभचरण जैन) फ्रान्स के महान् उपन्यासकार अलेग्जेण्डर व्य मा के "दि टू डायनाज़' का रोचक हिन्दी अनुवाद । हेनरी द्वितीय के जीवन- फाल की एफ-मात्र कहानी। जो लोग उपन्यास पढ़ने के शौकीन हैं, वे व्य मा की कलम के रस का मज़ा जानते हैं । इस उपन्यास में फत्तव्य और प्रेम, भाशा और निराशा, शान्ति और संघर्ष के ऐसे-ऐसे लाजवाब दृश्य मिलेंगे, जिन्हें पदकर भाप लेखक की फ्लम चूमने के लिये विहल हो उठेगे। मूल्य सचिन, सनिल्द का ३) रुपया। ४-अफीम का अड्डा (अनुवादक-श्री ऋषभचरण जैन) इंग्लैण्ड के विश्व-विख्यात जासूसी कहानी-लेखक सर मार्यर कॉनन डॉयल की तीन मनोखी, भाचर्यजनक, लोमहर्षक और भद्भुत कहानियों का घटकीला अनुवाद । एक बार भारम्भ करके ,
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