उपन्यास १४१ "काली माई की भेंट चढ़ाते हैं।" दूसरे ने कहा-"अस्पताल में नो गया, सो मरा । वह यमराज का दूसरा घर है।" "अनी, इनका वो वाप पैसा है, जिसने पैसा दिया, उसका सब काम होगया।" एक ने कहा-"नहीं जी, सरकार तो जो करती है, वह अन्ना ही करती है।" दूसरा दिनकर बोला-"तब कुएँ-तालावों में जहर क्यों डलवाया है ?" "वह जहर नहीं है, दवा है जो प्लेग के कीड़ों को मारने के लिये है।" धीरे-धीरे एक डॉक्टर, एक लेडी डॉक्टर, और दस-बारह कॉन्टेबिल और एक मजिष्ट्र टे का जत्या गाड़ी के पास के पास आया, और एक सिरे से गाड़ी का मुआयना करने लगा। "सद लोग नीचे उतर श्राओ, और अपने-अपने टिकिट निकाल लो ! और औरतों असबाब को गाड़ी ही में रहने दो!" यात्रियों ने चुपचाप प्लेटफॉर्म पर तार बाँध ली। लेती-डॉक्टर ने स्त्रियों की, और डॉक्टर ने पुरुषों की जांच परना प्रारम्भ कर दिया। जाँच क्या थी-छूमंतर था-जरा धुभा, और मुआयना होगया। परन्तु जिनके चेहरे जरा मैले थे, -टिकिट प्लेगी स्यानों से या, उनकी सास तौर पर देख-भान
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