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उत्साह (गीत) बादल, गरजो! घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ। ललित ललित, काले घुघराले, बाल कल्पना के-से पाले, विद्युत- छवि उर में, कवि, नवजीवन वाले ! वन छिपा, नूनन कविता । फिर भर दो:- 1 . 'बादल, गरजो। विकल विकल, उन्मन थे उन्मन विश्व के निदाघ के सकल जन, पाये अज्ञात दिशा से अनन्त के धन! तप्त धरा, जल से फिर शीतल कर दो बादल, गरजो!