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दिल्ली -- - क्या यह वही देश है- भीमार्जुन आदि का कीर्ति क्षेत्र, चिरकुमार भीष्म की पताका ब्रह्मचर्य-दीप्त उड़ती है आज भी जहाँ के वायुमण्डल में उज्ज्वल, अधीर और चिरनवीन ?- श्रीमुख से कृष्ण के सुना था जहाँ भारत ने गीता-गीत-सिंहनाद- मर्मवाणी जीवन-संग्राम की- सार्थक समन्वय ज्ञान-कर्म-भक्ति-योग का ? यह वही देश है परिवर्तित होता हुआ ही देखा गया जहाँ भारत का भाग्य चक्र ?- आकर्षण तृष्णा का खींचता ही रहा जहाँ पृथ्वी के देशों को स्वर्ण-प्रतिमा की ओर ?--