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सच है - यह सच है:- तुमने जो दिया दान दान वह, हिन्दी के हित का अभिमान बह, जनता का जन-ताका ज्ञान वह, सच्चा कल्याण वह अथच है- यह सच है ! बार बार हार हार मैं गया, खोजा जो हार क्षार में नया, उड़ी धूल, तन सारा भर गया, नहीं फूल, जीवन अविकच है- यह सच है ! - >