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अनामिका - भूलू मैं अपने मन को भी तुझको-अपने प्रियजन को भी! हँसती हुई, दशा पर मेरी प्रिय अपना मुख मोड़, जायेगी ज्यों-का-त्यों मुझको यहाँ अकेला छोड़ । इतना तो कह दे---सुख या दुख भर लेगी जब इस नद से कभी नई नय्या अपनी खेयेगी ? २८