यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सम्राट् एडवर्ड अष्टम के प्रति भेदों का क्रम, मानव हो जहाँ पड़ा- चढ़ जहाँ बड़ा सम्भ्रम। सिंहासन तज उत्तरे भूपर, सम्राट ! दिखाया - सत्य कौन सा वह सुन्दर। जो प्रिया, प्रिया वह रही सदा ही अनामिका, तुम नहीं मिले- तुमसे हैं मिले हुए नव योरप-अमेरिका। सौरभ प्रमुक्त! प्रेयसी के हृदय से हो तुम प्रतिदेशयुक्त, प्रतिजन, प्रतिमन, आलिङ्गित तुमसे हुई सभ्यता यह नूतन! २१.