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अनामिका 7 जो, न बँध सकी; देखते थके तुम, बहती न वह यकी समझो वह प्रथम वर्ष, रुका नहीं मुक्त हर्ष, यौवन दुर्धर्ष कर्ष- मर्ष से लड़ा; ऊपर मध्याह्न तपन तपा किया, सन्-सन्-सन् हिला-झुला तरु अगणन बही वह हवा F ७ उड़ा दी गई जो, वह भी गई उड़ा, जली हुई आग, कहो, कब गई जुड़ा? जो थे. प्राचीन पन्न जीर्ण - शीर्ण, नहीं छत्र,