उन्होंने, इस विषय पर, एक पुस्तक लिखकर प्रकाशित की। फल यह हुआ कि जर्मनी के विद्वानों और विज्ञान वेत्ताओं में हलचल मच गई। उनके दो दल हो गए। एक अनुकूल पक्ष, दूसरा प्रतिकूल। उन दोनो ने अपने-अपने पक्ष की हाँकने में आकाश पाताल एक कर दिया था। पशु-शास्त्र, मानस-शास्त्र, प्राणि-विज्ञान आदि के पंडितों की समझ में यह बात आती ही नहीं कि घोड़े भी सिखलाने से इतने विद्वान हो सकते हैं।
अगस्त, १९१३
एक हिसाबी कुत्ते का हाल सुनिए। यह कुत्ता केवल हिसाबी ही नहीं, हिसाब लगा देने के सिवा यह मनुष्य की बोली भी समझ लेता और दी हुई कितनी ही आज्ञाओं का पालन भी अक्षरशः करता है। इसमें और भी एक बड़ा ही आश्चर्यजनक गुण है। यह मनुष्य के मन की बात भी जान लेता है। अतएव कहना चाहिए कि यह पूर्ण-प्रज्ञ योगियों अथवा अंतर्दृष्टिधारी महात्माओं की बराबरी करनेवाला है।
अमेरिका के संयुक्त राज्यों में एक राज्य या रियासत अरिज़ोना नामक है। वहाँ ट्राओन नाम के एक इंजीनियर हैं। यह अजीब कुत्ता आप ही का है। आप ही ने इसे शिक्षा दी है। इसके विषय में, अमेरिका के अखबारों में, अनेक लेख निकल चुके हैं। साईंटिफ़िक् अमेरिकन नामक एक वैज्ञानिक पत्र के संपादकों ने