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पाप:: १७१
 


रोली का टीका किया, फूलों की माला पहनाई, और आंचल गले में लपेट झुककर राजेश्वर के पैर छुए। फिर मुस्कराकर धीमे स्वर में कहा--'इसमें से कुछ मिठाई खाइए।'

राजेश्वर ने बलपूर्वक आंसू रोककर मिठाई का एक टुकड़ा खाया। इसके बाद सौ रुपये का नोट किशोरी की गोद में डाल थाल से अंजलि भर फूल उठा किशोरी पर बरसा दिए।

वह चले गए।

उनके होंठों पर हास्य और आंखों में आंसू भरे थे।