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राजा युधिष्ठिर का समय
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कर शामिल करने का दोष" कहाँ से आया, नहीं मालूम! और वाक्य सार्थक भी तो होना चाहिये। तीसरे अवतरण में "गोलयोग।" का अर्थ हस्तक्षेप भी जल्दी में लिख दिया गया है। हस्तक्षेप की जगह "गोलमाल" शब्द आता तो वह मूलार्थ का अधिक बोधक होता। हस्तक्षेप और गोलमाल में फर्क है।

[जून १९०५