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अतीत-स्मृति
 
अस‍्थुवा— अस‍्थुहा
सन्दव— सन्द अथवा सन‍्द्
गदव्— गद्
दाउदव्— दाउद
आदावो— आदाहा

अतएव पारसियों की ज़ेन्दावस्ता का पवित्र हिन्दव-शब्द हिब्रू भाषा में "हन‍्‍द्" हो गया। जो कुछ यहाँ तक लिखा गया उससे यह सिद्धान्त निकला कि—

(१) हिन्दू-शब्द पहले पहल ज़ेन्दावस्ता में प्रयुक्त हुआ।

(२) पारसी लोग इस शब्द के सृष्टिकर्ता हैं।

(३) यहूदियों ने इसे अपनी भाषा में लेकर हन‍्‍द् कर दिया।

ग्रीक लोग हिन्दोस्तान से बहुत दिनों से परिचित थे। उनको इस देश से खूब अभिज्ञता थी। जिस रास्ते से ग्रीक लोग हिन्दुस्तान आते थे उस रास्ते में एक पहाड़ पड़ता था। कई कारणों से उन्हें उसके पास ठहरना पड़ता था। इस रास्ते का वर्णन उन्होंने आहासुरस् राजा की पुस्तक में पढ़ा था। बर्फ़ से ढकी हुई और बहुत ऊँची पर्वतमाला को रास्ते में देखकर ग्रीक लोगों ने अपने साथियों से उसका नाम पूछा। उन्होंने कहा, नाम हम नहीं जानते। पर उनके साथ एक पुरोहित भी था। उसने कहा "मैंने सुना है कि इसके एक तरफ हन‍्‍द् देश की सीमा है और दूसरी तरफ ईथियोपिया राज्य की राजनैतिक सीमा"। इसी ईथियोपिया राज्य का हिब्रू नाम है कुश (Cush) बाइबिल (ओल्ड-टेस्टामेंट)