(४३) क्रमांक ७. उपविभाग ( C. I. M. पृ० २०५, २०६) में नीचे लिखे सिक्कों के विवरण हैं। A. S. B. प्लेट नं० २३, चित्र नं०६-डा. स्मिथ इसके वर्णन में कहते हैं कि रेलिंग या कठघरे में से एक विलक्षण चीज निकली हुई है। ब्राह्मी न; पीछे की ओर अशोक लिपि का ज (?)। क्रमांक ८. A. S. B. प्लेट नं. २३, चित्र नं. १०-कठघरे के अंदर एक वृक्षा, जिसकी पाँच शाखाएँ या पत्तियाँ हैं और ईसवी दूसरी शताब्दी के अक्षरों में एक ब्राह्मी लेख है जिसे डा० स्मिथ ने "चीज' पढ़ा है। पीछे की ओर शेर और उसके ऊपर कठघरा या रेलिंग है । लिपि ब्राह्मी । पहले पढ़ा नहीं गया था । क्रमांक ह. A. S. B. प्लेट नं० २३, चित्र नं. ११-यह अपेक्षाकृत कुछ छोटा सिक्का है जिस पर ब्राह्मी अक्षरों में लेख है जिसे डा० स्मिथ ने "चराज" या "चराजु” (बड़े अक्षरों में) पढ़ा है। पीछे की ओर क्षेत्र में एक ब्राह्मी अक्षर है जो डा. स्मिथ के मत से ल है। क्रमांक १०. A. S.B. इसका चित्र डा०वि० स्मिथ ने नहीं दिया है। इसमें भी कठघरे में एक वृक्ष है। पीछे की ओर शेर खड़ा है जिसके ऊपर एक कुंडल सा बना है। उसके बगल में जो १. सुभीते के लिये मैंने इन सिक्कों के चित्र प्लेट नं० १ पर दे दिए हैं । सिक्के आकार में कुछ छोटे कर दिए गए हैं। मुझे इंडियन म्यूजियम से श्रीयुक्त के. एन. दीक्षित की कृपा से विशेष रूप से इन सिक्कों के ठप्पे मिल गए थे, जिसके लिये मैं दीक्षित जी को धन्य- वाद देता हूँ।
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