(३६६) माधव (प्रथम) महाराजाधिराज अय्यवर्मन (अरि' अथवा हरिवर्मन् ) गंग-राज (जिसे पल्लव-वंश के सिंहवर्मन् महा- राजा ने राज्य पर बैठाया था) २ माधव (द्वितीय) महाराज, सिंहवर्मन जिसे पल्लवों के महाराज, स्कंदवर्मन् तृतीय ने राज्य पर बैठाया था अविनीत कोंगणि, महाधिराज (इसने कदंब राजा काकुस्थवर्मन की एक कन्या के साथ विवाह किया था जो महाधिराज कृष्णवर्मन् की बहन थी) 3 १. मिलानो कीलहान की सूची, एपिग्राफिया इंडिका, ८, क्रोडपत्र, पृ० ४। २. [ मि० राइस (Mr. Rice) के कथनानुसार कदाचित् भूल से अय्य और माधव द्वितीय के बीच में एक विष्णुगोप का नाम छूट गया था] एपिग्राफिया इंडिका १४, ३३३ मिलाश्रो कोलहान पृ० ५। ३. कीलहान पृ०, ५ मि० राइस ने एपिग्राफिया इंडिका १४ पृ०, ३३४ में अपना यह विचार प्रकट किया था कि माधव द्वितीय (जिसे उन्होंने माधव तृतीय इसलिये कहा है कि उन्होंने कोंगणिवर्मन् को उसके व्यक्ति व" के कारण माधव प्रथम मान लिया था ) ने कदंब राजकुमारी के साथ विवाह किया था। परंतु गंग अभि- नाम २५
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