पृष्ठ:अंधकारयुगीन भारत.djvu/१७

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[ ७ ] और कला ... विषय पृष्ठ १०-परवर्ती वाकाटक काल संबंधी परिशिष्ट और वाकाटक संवत् ६१. प्रवरसेन द्वितीय और नरेंद्रसेन १८३-१८६ ६६२. नरेंद्रसेन के कष्ट के दिन १८६-१८८ ६६३. पृथिवीषेण द्वितीय और देवसेन १८८-१८६ ६४. हरिषेण १८६-१६० ६६५-६६. दूसरे वाकाटक साम्राज्य का विस्तार १६०-१६२ ६६७-१००. परवर्ती वाकाटकों की संपन्नता १६२-१६५ ६ १०१. वाकाटक घुड़सवार १६५-१६६ ६ १०१ क. वाकाटकों का अंत, लगभग सन् ५५० ई० १६६-१६८ सन् २४८ ई० वाला संवत् ६ १०२. वाकाटक सिक्कों पर के संवत् १९८-१६६ ६ १०३. गिंजावाला शिलालेख १६६-२०० ६ १०४. गुप्त संवत् और वाकाटक २०० ६ १०५-१०८. सन् २४८ ई० वाले संवत् का क्षेत्र २०१-२०६ तीसरा भाग मगध और गुप्त भारत ६ १०६. पाटलिपुत्र में आंध्र और लिच्छवी २०७-२०६ ...