कायाकल्प
दसवाँ संस्करण : जुलाई १९५६
मूल्य सात रुपए
मुद्रक : खण्डेलवाल प्रेस, बनारस
प्रेमचन्द
जन्म बनारस के पास लमही में १८८० ई॰ में। असली नाम श्री धनपतराय। आठ वर्ष की आयु में माता और चौदह में पिता का निधन हो गया। अपने बल-भरोसे से पढ़े। बी॰ ए॰ किया। १९०१ में उपन्यास लिखना शुरू किया। कहानी १९०७ से लिखने लगे। उर्दू में नवाबराय के नाम से लिखते थे। १९१० में सोजेवतन जब्त की गई, उसके बाद प्रेमचन्द के नाम से लिखने लगे। १९२० तक सरकारी नौकरी की। फिर सत्याग्रह से प्रभावित हो नौकरी छोड़ दी। १९३० में 'हंस' और १९२३ में सरस्वती प्रेस की स्थापना की। ८ अक्तूबर १९३६ को स्वर्गवास हुआ।
कायाकल्प का रचना-काल—१९२९ ई॰
यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2024 के अनुसार, 1 जनवरी 1964 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।
यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।