अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश
रामनारायण यादवेंदु

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जाति या नस्ल-–जर्मन नात्सीवाद का आधार जाति-सिद्धान्त है। हिटलर जर्मन-जाति की, जो उसके दावे के अनुसार आर्य जाति है, विशुद्धता की रक्षा पर सबसे अधिक ज़ोर देता है। उसका यह विश्वास है कि रक्त- सम्मिश्रण से जाति या राष्ट्र का पतन हो जाता है। संसार में आर्य जाति ही सर्वश्रेष्ठ जाति रही है और, हिटलर के अनुसार, श्रेष्ठ जाति का यह कर्तव्य है कि वह संसार की हीन जातियो पर शासन करे। परन्तु सत्य तो यह है। कि संसार के इतिहास में ऐसी कोई भी जाति नही है जिसने दूसरी जातियो के साथ सम्मिश्रण न किया हो। इसलिये जाति की शुद्धता का दावा एक मिथ्या कल्पना ही नही पाखण्ड भी है। वस्तुतः सच तो यह है कि आज संसार में राष्ट्रो का निर्माण जातियो की रक्त-शुद्धता के आधार पर नहीं हो सकता। अमरीकी, बरतानवी, क्या कोई भी राष्ट्र विशुद्ध जातियाँ हैं ?