अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश/औपनिवेशिक स्वराज्य

अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश
रामनारायण यादवेंदु

पृष्ठ ७१ से – ७२ तक

 

औपनिवेशिक स्वराज्य--वर्तमान समय में ब्रिटिश-राष्ट्र-समूह के अन्तर्गत केवल ५ उपनिवेशो को स्वायत्त-शासन प्राप्त है-- दक्षिणी अफ्रीकन यूनियन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैएड तथा आयरिश स्वतंत्र-राज्य। इनमे से अन्तिम उपनिवेश तो ब्रिटिश राष्ट्र-समूह से अलग है और उसे ब्रिटिश डोमी-नियन मानना सत्य के साथ अन्याय करना होगा। शेप चार उपनिवेशो को वैस्टमिन्स्टर क़ानून १९३१ के अनुसार अपने आन्तरिक शासन मे पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है। प्रत्येक उपनिवेश की निजी सेना है तथा उसे अपने गवर्नर-जनरल की नियुक्त मे ब्रिटिश मंत्रि-मण्डल को सलाह देने का अधिकार है। अक्सर उसकी सम्मति से ही गवर्नर-जनरल नियुक्त किया जाता है। प्रत्येक उपनिवेश की पार्लमेंट को यह अधिकार है कि वह अपने विधान में परिवर्तन करले तथा कोई भी ऐसा क़ानून बनाले जो इँगलैएंड कि पार्लमेंट द्वारा निर्मित क़ानून के विपरीत हो। परन्तु वैदेशिक, साम्राज्य-रक्षा तथा व्यापारिक सन्धियों और युद्ध-घोषणा तथा शान्ति-संधी आदि मामलो मे उपनिवेशो की सरकारे सदैव ब्रिटिश सरकार के पद-चिन्हो पर चलती है।

भारत के वायसराय लाई लिनलिथगो ने ८ अगस्त १९४० के वक्तव्य मे यह निश्चयपूर्वक घोषणा की है कि भारत को औपनिवेशिक स्वराज्य दिया जायगा। परन्तु औपनिवेशिक स्वराज्य की स्थापना कब की जायगी, इसका अभी तक स्पष्टिकरण नही हो सका। यह भी घोषणा की गई है कि युद्ध के

बाद भारतीयो को अपना शासन-विधान बनाने की सुविधा दी जायगी और ब्रिटिश पार्लमेंट उस पर विचार करेगी।