अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश/ऐमरी, लियोपोल्ड चार्ल्स मैरिस स्टैनेट

अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश
रामनारायण यादवेंदु

पृष्ठ ६६ से – ६७ तक

 

ऐमरी, लियोपोल्ड चार्ल्स मैरिस स्टैनेट--आप आजकल ब्रिटिश मंत्री-मण्डल के एक प्रभावशाली सदस्य है। मई १९४० मे नार्वे के प्रश्न पर ब्रिटिश कॉमन सभा में जब स्थगित-प्रस्ताव (Adjournment motion)

प्रसतुत किया गया तब चेम्बरलेन की सरकार के पक्ष मे २८१ मत तथा विपक्ष में २०० मत मिले। ४० सरकारी समर्थक विरोधी दल में मिले गये और १३० सदस्यो ने अपना मत नही दिया। चेम्बरलेन को अपने प्रधान मत्रि-पद से त्यागपत्र देना पड़ा। श्री विन्स्टन चर्चिल प्रधान मंत्री चुने गये। चर्चिल की सरकार में ऐमरी को भारत-मत्री(Secretary of State for India) नियुक्त किया गया। ऐमरी का जन्म भारत मे (गोरखपुर मे) सन् १८७३ में हुआ था। चर्चिल के साथ उन्होने हैरो में शिक्षा प्रप्त की, वेलियोल से ग्रेजुएट की पदवी प्राप्त की। बर्मिङ्घम से सबसे पहली बार, सन् १९११ में, पार्लमेट के सदस्य निर्वाचित हुए। सन् १९२३ में, जब आप ब्रिटिश जल सेना-विभाग के मंत्री थे, आपने सिंगापुर नाविक अड्डा-योजना तैयार की थी। जब रैम्ज़े मेकडानल्ड के मंत्रि-मण्डल का

पतन होगया और बाल्डविन ने मंत्रि-मण्डल बनाया तब उसमे इन्हे उपनिवेशो का मंत्री बनाया गया। इस समय श्री ऐमरी भारत-मंत्री हैं। इनका स्वभाव बहुत उग्र है। इनका निःशस्त्रीकरण में विश्वास नहीं है। यह उग्र साम्राज्यवादी हैं। भारतीय स्वाधीनता की मॉग को वह बार-बार अस्वीकार करते रहे हैं, और अपने भाषणो तथा वक्तव्यों में ८ अगस्त १९४० की वायसराय की औपनिवेशिक स्वराज्य-संबधी अस्पष्ट तथा अपूर्ण घोषणा का समर्थन करते रहते हैं।